बेनौलिम(गोवा)। ब्रिक्स देशों ने भ्रष्टाचार से निपटने और विदेशों में जमा कालाधन को संबंधित को वापस किए जाने पर विश्व-बिरादरी की ओर मजबूत प्रतिबद्धता की जरूरत पर बल दिया है। ब्रिक्स ने यह भी कहा है कि कंपनियों की कर से बचने की अतिवादी योजनाओं से देशों के लिए समान विकास और आर्थिक ग्रोथ को प्रभावित करते हैं।
ब्रिक्स नेताओं के दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के बाद रविवार को जारी ब्रिक्स के गोवा घोषणा-पत्र में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए आपस में सहयोग का पूरा प्रयास करने का संकल्प किया गया है।
इसमें कहा गया है, हम अपने रूख में तालमेल के लिए प्रयास करेंगे। भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र संधि तथा अन्य प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय कानूनी उपायों के आधार पर भ्रष्टाचार रोकने और उसके खिलाफ मुहिम में मजबूत वैश्विक प्रतिबद्धता को प्रोत्साहित करेंगे।
- ब्रिक्स समूह का मानना है कि भ्रष्टाचार एक वैश्विक चुनौती है आर्थिक वृद्धि तथा भरोसेमंद विकास को प्रभावित कर सकता है।
- इसमें अवैध धन और वित्तीय प्रवाह तथा विदेशों में छुपायी गयी अवैध कमाई भी शामिल है।
- घोषणा-पत्र में कहा गया है कि वे भ्रष्टाचार और संपत्ति की बरामदगी के मामले वांछित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई सहयोग बढ़ाने का समर्थन करते हैं।
- ब्रिक्स ने वैश्विक रूप से निष्पक्ष और आधुनिक कर प्रणाली के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहमत मानदंडों के प्रभावी और व्यापक क्रियान्वयन के मामले में हुई प्रगति का स्वागत किया।
- रिक्स विकासशील देशों में कर प्रशासन क्षमता के निर्माण में मदद के लिए देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को प्रोत्साहित करेंगे।
- गोवा घोषणा-पत्र में कहा गया है कि कराधार का क्षरण और लाभ का स्थानांतरण की समस्या को कारगर तरीके से निपटाया जाना चाहिए।