बीजिंग। ब्राजील के अंतरिम राष्ट्रपति मिशेल तेमेर के नीतिगत बदलाव के बड़े फैसले ब्रिक्स की क्षमता के लिए परीक्षण साबित होंगे। क्योंकि नई सरकार पांच देशों के इस सहयोगी संगठन की अहमियत को दूसरे दर्जे पर रख सकती है। यह बात चीन की राष्ट्रीय मीडिया ने कही। समाचार एजेंसी शिन्ह्वा में प्रकाशित लेख में राष्ट्रपति डिल्मा रूसेफ को सत्ता से बाहर किए जाने बाद पैदा राजनीतिक संकट के मद्देनजर चीन के विचार की रूपरेखा पेश की गई है। इसमें विश्लेषकों के हवाले से कहा गया है कि ब्राजील की अंतरिम सरकार अन्य ब्रिक्स देशों – रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका – के साथ सहयोग को द्वितीयक स्थान पर रख सकती है।
इसमें कहा गया कि ब्रिक्स एकजुट रहेगा या नहीं या फिर उनकी सहयोग प्रणाली सुचारू रूप से चलेगी या नहीं यह इस समूह के विकास के लिए महत्वपूर्ण होगा। ब्राजील ने 2009 में इस समूह के गठन के बाद से अन्य ब्रिक्स देशों के साथ अपने सहयोगात्मक संबंध को हमेशा तवज्जो दी है। हालांकि रूसेफ के निलंबन के बाद से वह अपनी विदेश निवेश में पुनर्संयोजन कर रहा है।
इससे पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, चीन का कॉरपोरेट ऋण एक गंभीर और तेजी से बढ़ती समस्या है और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को कोई नए ऋण के बुलबुले को फूटने से बचाने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। आईएमएफ के पहले उप प्रबंध निदेशक डेविड लिप्टन ने शेन्जेन में आर्थिक सम्मेलन में कहा, कॉरपोरेट ऋण गंभीर समस्या है और यह लगातार बढ़ रही है। प्रतिबद्ध गंभीर सुधारों के जरिए इससे तेजी से निपटने की जरूरत है। मीडिया की खबरों के अनुसार लिप्टन ने कहा कि चीन का कुल कर्ज जीडीपी के 225 प्रतिशत के बराबर और कॉरपोरेट ऋण 145 प्रतिशत के बराबर है।