मुंबई। ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रानसन ने गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से गलतफहमियों को दूर करने और 10 अरब डॉलर वाली मुंबई-पुणे हाइपरलूप परियोजना के विषय में नई सरकार की रुचि के बारे में जानने के लिए मुलाकात की। ब्रानसन ने मुख्यमंत्री से मातोश्री में मुलाकात की। मातोश्री, ठाकरे परिवार का पारिवारिक बंगला है, जो उपनगर बांद्रा में स्थित है।
बुधवार को यहां एक कार्यक्रम में ब्रानसन ने यह स्पष्ट किया था कि मुंबई-पुणे हाइपरलूप परियोजना की पूरी लागत निजी क्षेत्र द्वारा वहन की जाएगी और इसके लिए राज्य सरकार से कोई भी वित्तपोषण नहीं मांगा जाएगा।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए ब्रानसन ने कहा कि यह केवल एक औपचारिक मुलाकात थी। उन्होंने कहा कि परियोजना को लेकर जो भी गलतफहमियां थीं, उन्हें दूर कर लिया गया है। ब्रानसन ने कहा कि जब सरकार बदलती है और आपकी कोई बड़ी परियोजना कार्यान्वित हो रही हो तो यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि आप नई सरकार के साथ औपचारिक मुलाकात करें। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे और उनके सहयोगी लोगों को उन लागों से मिलने की जरूरत है, जो बड़ी परियोजना पर काम कर रहे हैं या जो उनके राज्य में कोई बड़ी परियोजना लाना चाहते हैं।
हम केवल यह जानना चाहते हैं कि क्या पुरानी सरकार की तरह ही नई सरकार भी हाइपरलूप परियोजना के लिए महत्वाकांक्षी है। हाइपरलूप एक टेक्नोलॉजी है और इसे यह नाम टेस्ला इंक के बॉस एलन मस्क ने दिया है। इसमें लोगों को यातायात की सुविधा देने के लिए वैक्यूम का इस्तेमाल किया जाता है। इस टेक्नोलॉजी को अभी वाणिज्यिक रूप से लॉन्च किया जाना बाकी है और कई कंपनियां इसपर काम कर रही हैं।
ब्रानसन की वरजिन हाइपरलूप वन ने तब अपनी परियोजना की घोषणा की थी, जब राज्य में देवेंद्र फडनवीस की सरकार थी। यह परियोजना 2020 तक चालू करने का लक्ष्य है। फडनवीस सरकार ने मुंबई-पहुणे हाइपरलूप परियोजना को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दिया था। इस परियोजना के चालू होने पर दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय घटकर केवल 23 मिनट रह जाएगा।