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ब्रह्मोस: 1,300 करोड़ से शुरू किए गए संयुक्त उपक्रम का मूल्य 40,000 करोड़ रुपए हुआ

भारत और रूस ने दोनों देशों की सामरिक शक्ति को मजबूत करने के लिए जब ब्रह्मोस को लेकर समझौता किया होगा तो सोचा भी नहीं होगा कि यह रक्षा उत्पादों की श्रेणी का एक बड़ा ब्रांड होगा। 

Edited by: Bhasha
Published on: June 07, 2019 14:56 IST
BrahMos joint ventures value now stands at Rs 40,000 crore- India TV Paisa

BrahMos joint ventures value now stands at Rs 40,000 crore

नयी दिल्ली। भारत और रूस ने दोनों देशों की सामरिक शक्ति को मजबूत करने के लिए जब ब्रह्मोस को लेकर समझौता किया होगा तो सोचा भी नहीं होगा कि यह रक्षा उत्पादों की श्रेणी का एक बड़ा ब्रांड होगा। मात्र 1,300 करोड़ रुपए के शुरुआती निवेश से शुरू किए गए ब्रह्मोस संयुक्त उपक्रम का मूल्य आज की तारीख में 40,000 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। ब्रह्मोस, दोनों देशों द्वारा साझा तौर पर विकसित की गयी एक सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है। 

ब्रह्मोस एयरोस्पेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक सुधीर मिश्रा ने शुक्रवार को कहा कि भारत और रूस को इस परियोजना की तरह ही अन्य क्षेत्रों में भी संयुक्त उपक्रम बनाने चाहिए। मिश्रा ने कहा कि इस साझेदारी ने 40,000 करोड़ रुपए मूल्य का कारोबार दिया है जबकि इसके लिए हमारा शुरुआती निवेश मात्र 1,300 करोड़ रुपए था। ऐसे में हमें लगता है कि हमने संपत्ति और व्यवस्था का निर्माण किया है। आज की तारीख में हम भारत सरकार को करीब 4,000 करोड़ रुपए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर के रूप में देते हैं। 

उन्होंने कहा कि यह संयुक्त उपक्रम उस समय बनाया गया था जब रूस अपने बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहा था। भारत ने उस अवसर का लाभ उठाया और ऐसे कई समझौते किए। मिश्रा यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित विनिर्माण नवोन्मेष कॉन्कलेव को संबोधित कर रहे थे। ब्रह्मोस संयुक्त उपक्रम को 1998 में गठित किया गया। यह हिंदुस्तान के रक्षा अनुंसधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और रूस के एनपीओ मशीनोस्त्रोयेनिया की साझेदारी से बना। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को तीनों सेना के उपयोग में लाया जा सकता है। यह थल पर लड़ाकू विमानों, जंगी जहाजों और पनडुब्बियों में लगायी जा सकती है। 

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