Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. डीजल टैक्सियों पर प्रतिबंध से बीपीओ इकाइयों के एक अरब डॉलर के कारोबार का नुकसान हो सकता है

डीजल टैक्सियों पर प्रतिबंध से बीपीओ इकाइयों के एक अरब डॉलर के कारोबार का नुकसान हो सकता है

नास्कॉम ने कहा कि दिल्ली में अगर डीजल टैक्सियों पर बैन बना रहा तो देश के बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट (BPO) क्षेत्र को एक अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है।

Abhishek Shrivastava
Updated : May 04, 2016 20:25 IST
डीजल टैक्सियों पर बैन, BPO इंडस्‍ट्री को हो सकता है एक अरब डॉलर के कारोबार का नुकसान
डीजल टैक्सियों पर बैन, BPO इंडस्‍ट्री को हो सकता है एक अरब डॉलर के कारोबार का नुकसान

नई दिल्ली। उद्योग संगठन नास्कॉम ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में अगर डीजल टैक्सियों पर बैन बना रहा तो देश के बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट (BPM पूर्व में BPO) क्षेत्र को एक अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। नास्कॉम की वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगीता गुप्ता ने कहा, डीजल कैब पर बैन अगले 2-3 सप्ताह तक जारी रहा तो BPO क्षेत्र को एक अरब डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है। संगठन इस मामले में अगले एक-दो दिन में उच्चतम न्यायालय जाने की योजना बना रहा है।

यह भी पढ़ें- 15 साल पुराने वाहनों पर क्यों नहीं हुई कार्रवाई: NGT ने दिल्ली पुलिस से पूछा

नास्कॉम के प्रतिनिधि इस संदर्भ में दिल्ली पुलिस तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय समेत विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों से मुलाकात कर चुका है और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में डीजल कैब पर प्रतिबंध के मद्देनजर विश्वसनीय परिवहन विकल्पों की कमी के संदर्भ में उद्योग के समक्ष मसले पर चर्चा की।

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में डीजल वाहनों के सीएनजी में तब्दील किए जाने की 30 अप्रैल की समयसीमा बढ़ाने से इनकार कर दिया। नास्कॉम का कहना है कि डीजल टैक्सी पर प्रतिबंध से बीपीएम (पूर्व में बीपीओ) उद्योग थम सा गया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में बीपीएम उद्योग प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से 10 लाख से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराता है।

यह भी पढ़ें- दिल्ली में हट सकता है डीजल टैक्सियों पर लगा प्रतिबंध, सरकार सुप्रीम कोर्ट में करेगी आग्रह

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement