नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के बोर्ड ने नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) की हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दे दी है। यह हिस्सेदारी ऑयल इंडिया लिमेटेड, इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड और असम सरकार खरीदेगी।बीपीसीएल की एनआरएल में कंसोर्टियम को 61.65 प्रतिशत की अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचने की योजना है।
शेयर बाजार के साथ साझा की गई जानकारी के अनुसार, बीपीसीएल ने कहा कि अगर असम सरकार एनआरएल में शेयरों की खरीद में भाग नहीं लेती है, तो इसकी पूरी शेयरहोल्डिंग कंसोर्टियम (ऑयल और ईआईएल) को बेच दी जाएगी। नुमालीगढ़ रिफाइनरी की वर्तमान संरचना में बीपीसीएल की 61.65 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि ऑयल की 26 प्रतिशत और असम सरकार की 12.35 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
सूत्रों ने संकेत दिया है कि राज्य सरकार रिफाइनरी में अतिरिक्त इक्विटी ले सकती है, ताकि इसकी होल्डिंग 26 प्रतिशत तक बढ़ जाए, जो इसे रिफाइनरी के संचालन पर प्रभावी नियंत्रण प्रदान करेगी। बीपीसीएल की 48 प्रतिशत इक्विटी को शेष 10 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ ऑयल और ईआईएल के बीच विभाजित किया जा सकता है। एनआरएल अपने पूर्वोत्तर क्षेत्रों से उत्पादित ऑयल के कच्चे तेल का सबसे बड़ा ग्राहक है। इस अधिग्रहण से ऑयल के पोर्टफोलियो में सुधार होने की उम्मीद है।