नई दिल्ली। भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) देश की सबसे लंबी एलपीजी पाइपलाइन परियोजना में शामिल हो गई हैं। देश की एक चौथाई आबादी को रसोई गैस ईंधन की जरूरतों को पूरा करने के लिए इस पाइपलाइन को सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) बिछा रही है।
दोनों कंपनियों ने शेयर बाजारों को दी सूचना में कहा कि बीपीसीएल और एचपीसीएल 9,000 करोड़ रुपए की परियोजना में 25-25 प्रतिशत हिस्सेदारी लेगी। परियोजना के तहत गुजरात में कांडला से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पाइपलाइन बिछाई जा रही है। शेष 50 प्रतिशत हिस्सेदारी आईओसी के पास होगी। कंपनी ने 2016 में पाइपलाइन बिछाने का प्रस्ताव किया था।
सूचना के अनुसार आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल ने परियोजना के क्रियान्वयन तथा गुजरात के कांडला से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर तक 2,757 किलोमीटर लंबी एलपीजी पाइपलाइन के परियोजना को लेकर संयुक्त उद्यम बनाने के लिए तीन जून 2019 को समझौते पर हस्ताक्षर किए।
एलपीजी का कांडला में आयात किया जाएगा और कुछ पश्चिमी तट पर स्थित तेल रिफाइनरी से लिया जाएगा। इसे अहमदाबाद (गुजरात), उज्जैन, भोपाल (मध्य प्रदेश), कानपुर, इलाहबाद, वाराणसी और लखनऊ (उत्तर प्रदेश) के रास्ते ले जाया जाएगा।
पाइपलाइन के जरिये 60 लाख टन सालाना एलपीजी का परिवहन किया जाएगा। यह देश की सबसे बड़ी एलपीजी पाइपलाइन होगी। सार्वजनिक क्षेत्र की गैस कंपनी गेल फिलहाल गुजरात के जामनगर से उत्तर प्रदेश के लोनी तक 1,415 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का परिचालन कर रही है। इस लाइन के जरिये सालाना 25 लाख टन एलपीजी का परिवहन हो रहा है।