नई दिल्ली। भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन निगम लि.(बीपीसीएल) की विनिवेश प्रक्रिया बेहतर तरीके से आगे बढ़ रही है और इसके सितंबर अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कान्त पांडेय ने बृहस्पतिवार को यह बात कही। सरकार बीपीसीएल में अपनी समूची 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रही है। इसे आज की तारीख तक देश का सबसे बड़ा निजीकरण कहा जा रहा है। वेदांता ग्रुप और निजी इक्विटी कंपनियों अपोलो ग्लोबल और आई स्कावयर्ड कैपिटल की भारतीय इकाई थिंक गैस ने बीपीसीएल में सरकार की हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए रुचि पत्र दिया है। एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए पांडेय ने कहा, ‘‘बीपीसीएल की विनिवेश प्रक्रिया अच्छे तरीके से आगे बढ़ रही है। हमें उम्मीद है कि 2021-22 की पहली छमाही में यह पूरी हो जाएगी। ’’
इससे पहले इसी महीने बीपीसीएल असम में नुमालीगढ़ रिफाइनरी से बाहर निकल गई थी। बीपीसीएल ने इसमें अपनी समूची हिस्सेदारी ऑयल इंडिया लि.और इंजीनियर्स इंडिया लि.के गठजोड़ को 9,876 करोड़ रुपये में बेची थी। नुमालीगढ़ रिफाइनरी में हिस्सेदारी बिक्री से बीपीसीएल के निजीकरण का रास्ता साफ हो गया है। राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया के निजीकरण के बारे में पांडेय ने कहा कि इसकी प्रक्रिया चल रही है। यह अगले वित्त वर्ष में होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की नयी लहर से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विमानन उद्योग में सुस्ती है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण के बाद चीजें बेहतर होंगी। अगले वित्त वर्ष में निजीकरण की पाइपलाइन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बजट में वित्त मंत्री ने जिन कंपनियों का उल्लेख किया है उनका निजीकरण होगा। सरकार ने अगले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों तथा वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बिक्री से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इनमें दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और एक साधारण बीमा कंपनी शामिल है।
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