नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आम्रपाली परियोजना के उन 9,500 से अधिक फ्लैटों की बुकिंग रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिन पर कोई दावा नहीं किया गया है या जिन्हें फर्जी व्यक्तियों के नाम पर बुक किया गया है या जो बेनामी संपत्ति हैं। इससे अटकी परियोजनाओं के वित्तपोषण में मदद मिलेगी।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह निर्देश देगा कि 9,538 खरीदारों को अपना पंजीकरण अपडेट करने और भुगतान करने के लिए 15 दिन का नोटिस जारी किया जाए, ऐसा नहीं करने पर इन इकाइयों को बिना बिका (अनसोल्ड) माना जाएगा और उनकी नीलामी की जाएगी। घर खरीदारों की ओर से पेश हुए वकील एम एल लाहोटी ने कहा कि घर खरीदारों ने पहले दिए गए एक नोट में कहा था कि ना बिके फ्लैट और फर्जी नामों पर बुक किए गए फ्लैट, जिनकी फॉरेंसिक ऑडिट में पहचान की गई है, उन्हें लंबित परियोजनाओं के लिए वित्त जुटाने की खातिर दोबारा बेचने की जरूरत है।
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इसके बाद न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने कहा कि वह इस विषय पर एक आदेश पारित करेगी। यह आदेश अभी तक उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया है। पीठ ने लाहोटी की दलील से सहमति जताते हुए कहा कि इस तरह के खरीदारों को अंतिम नोटिस भेजे जाएंगे और उनसे पंजीकरण कराने तथा भुगतान योजना के अनुरूप सभी बकाये का भुगतान करने को कहा जाएगा, ऐसा ना होने पर उनकी संपत्ति को ना बिका हुआ माना जाएगा और उनकी बुकिंग रद्द कर दी जाएगी।
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