नई दिल्ली। बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (BofAML) की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2016-17 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.9 प्रतिशत रहने की संभावना है, जबकि वित्त वर्ष 2017-18 में यह रिकवर होगर 7.2 प्रतिशत रह सकती है।
बैंक ने अपने रिसर्च नोट में कहा है कि,
आगे चलकर हम चालू वित्त वर्ष में 6.9 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। अगले वित्त वर्ष में यह 7.2 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। मुख्य रूप से चालू वित्त वर्ष में नोटबंदी के झटके के आधार प्रभाव की वजह से अगले वित्त वर्ष में वृद्धि सुधरेगी। ग्रोथ की यह दर अन्य ब्रिक्स देशों की तुलना में अधिक रहेगी।
- 28 फरवरी को भारत सरकार ने अपने अनुमान में कहा है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 7.1 प्रतिशत रहेगी।
- केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए ग्रोथ अनुमान को घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया है।
- चालू वित्त वर्श की दूसरी तिमाही में वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत और पहली तिमाही में 7.2 प्रतिशत रही है।
- वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी का कहना है कि ब्याज दरों में कटौती से रिकवरी लौटेगी और उसे उम्मीद है कि सितंबर तक बैंक ब्याज दरों में 50 से 70 आधार अंकों तक की कटौती करेंगे।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि चक्रीय रिकवरी के लिए सुधारों के अलावा ब्याज दरों में कटौती भी जरूरी है।