मुंबई। नोटबंदी के कारण वृद्धि की संभावना पर पड़े विपरीत प्रभाव को पलटने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) कल मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कटौती कर सकता है। साथ ही अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा में भी कटौती की संभावना है। विदेशी ब्रोकरेज कंपनी बैंक ऑफ अमेरिकी मेरिल लिंच ने आज यह बात कही है।
उसने कहा, हम यह उम्मीद कर रहे हैं कि आरबीआई-एमपीसी (मौद्रिक नीति समिति) बुधवार और अप्रैल में नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती करेगी।
- इसका कारण नोटबंदी के कारण वृद्धि पर पड़ने वाला प्रभाव है।
- ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि सर्वे का जवाब देने वाले 2,000 प्रतिभागियों में 60 प्रतिशत ने कहा कि नोटबंदी से उन पर असर पड़ा है।
- उन्होंने कहा नवंबर में औद्योगिक वृद्धि के अप्रत्याशित रूप से 5.6 प्रतिशत इसलिए दिखी क्योंकि इससे पिछले साल के समतूल्य मास में वृद्धि का आधार निम्न था।
- आर्थिक समीक्षा में नोटबंदी के कारण आर्थिक वृद्धि दर पर 0.25 से 0.50 प्रतिशत का प्रभाव पड़ने की आशंका जताई गई है।
- इसके अलावा वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा अगले साल राजकोषीय घाटे को कम कर 3.2 प्रतिशत करने तथा अमेरिकी फेडरल द्वारा नरम रुख अपनाये जाने से भी नीतिगत दर में कटौती की संभावना है।
- रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मार्च में मुद्रास्फीति घटकर 4.1 प्रतिशत पर आ जाएगी, जो पिछले अनुमान 4.6 प्रतिशत से कम है।