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लॉकडाउन से सरकारी बैंकों के एनपीए में 2 से 4 % तक बढ़त संभव : BofA

एनपीए बढ़ने से बैंकों को 1.14 लाख करोड़ रुपये के कैपिटल की जरूरत होगी

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: May 05, 2020 17:29 IST
Lockdown Impact- India TV Paisa

Lockdown Impact

नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी के प्रभाव के चलते सरकारी बैंकों की NPA में दो से चार प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है। यदि ऐसा होता है तो इससे सरकार पर 2020- 21 में बैंकों में 1.14 लाख रुपये की पुनर्पूंजीकरण का दबाव बढ़ सकता है। एक विदेशी ब्रोकरेज कंपनी ने मंगलवार को यह बात कही।

बैंक आफ अमेरिका के विश्लेषकों का मानना है कि प्रोत्साहन उपायों में होने वाले खर्च, निम्न कर प्राप्ति और विनिवेश प्राप्ति में भारी कमी के चलते सरकार का एकीकृत राजकोषीय घाटे का लक्ष्य दो प्रतिशत तक बढ़ सकता है। ऐसे में सरकार को बैंकों में और पूंजी डालने के लिये संसाधन जुटाने के वास्ते नये तरीके तलाशने होंगे। सरकार इसके लिये पुनर्पूंजीकरण बॉंड जारी कर सकती है या फिर इसके लिये रिजर्व बैंक के 127 अरब डालर के रिजर्व का सहारा लिया जा सकता है। सरकारी बैंकों को जरूरी पूंजी उपलब्ध कराने में रिजर्व बैंक के इस आरक्षित कोष में भी कमी आ सकती है। विश्लेषकों के बीच इस बात को लेकर करीब करीब आम सहमति है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते बैंकों की सकल गैर-निष्पादित राशि में वृद्धि होगी। ब्रोकरेज कंपनी ने कहा है कि एनपीए में दो से चार प्रतिशत की वृद्धि से सरकार को बैंकों के पूंजी आधार को मजबूत बनाने के लिये सात से 15 अरब डालर की आवश्यकता होगी। यानी करीब 525 अरब रुपये से लेकर 1,125 अरब रुपये तक की जरूरत होगी। ब्रोकरेज कंपनी ने कहा है कि पुनर्पूंजीकरण बांड हालांकि, इसका विकल्प हो सकता है। पहले भी इस साधन का इस्तेमाल किया जा चुका है और बैंकों को इसका लाभ मिला है।

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