हैदराबाद। विमान बनाने वाली कंपनी बोइंग की भारत से खरीद (सोर्सिंग) पिछले दो साल में चौगुना होकर एक अरब डॉलर पर पहुंच गई है। कंपनी की एक वरिष्ठ कार्यकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। बोइंग डिफेंस, स्पेस एंड सिक्योरिटी की अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी लिएने कैरट ने कहा कि हमने भारत में भारी भरकम निवेश किया है, क्योंकि यहां भविष्य काफी उज्ज्वल है। हमने दो साल में भारत से खरीद चौगुना की है। उन्होंने कहा कि कंपनी प्रतिभा, प्रशिक्षण और कौशल विकास में निवेश कर रही है, जिससे आधुनिक वैमानिकी विनिर्माण केलिए कारखाना श्रमिक और तकनीशियन उपलब्ध हो सकें।
बोइंग और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स (टीएएसएल) के संयुक्त उद्यम टाटा बोइंग एरोस्पेस (टीबीएएल) के यहां एएच-64 अपाचे हेलिकॉप्टर के लिए फ्यूजलैग (हेलिकॉप्टर की पेटी) उत्पादन की इकाई के उद्घाटन के मौके पर कैरट ने यह बात कही।
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और तेलंगाना के उद्योग और आईटी मंत्री के टी रामा राव ने इस कारखाने का उद्घाटन किया। इस मौके पर सीतारमण ने कहा कि मैं टाटा और बोइंग को रक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय निवेश के लिए बधाई देती हूं।
टाटा और बोइंग ने संयुक्त बयान में कहा कि यह कारखाना 14,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है और इसमें 350 उच्च कौशल वाले कर्मचारियों को रोजगार मिलेगा। यह कारखाना बोइंग द्वारा अपने वैश्विक ग्राहकों को आपूर्ति किए जाने वाले एएच-64 अपाचे हेलिकॉप्टर के लिए फ्यूजलैग्स का विनिर्माण करने वाला अकेला वैश्विक केंद्र होगा। कंपनी के ग्राहकों में अमेरिकी सेना भी शामिल है।
इस कारखाने में इस लड़ाकू हेलिकॉप्टर में लगने वाले कुछ अन्य हिस्सों और वर्टिकल स्पार बॉक्स आदि का भी उत्पादन होगा। उम्मीद है, इस कारखाने से पहले फ्यूजलैग की आपूर्ति इसी साल होने लगेगी।