नयी दिल्ली। नोटबंदी के बाद बैंकों में नकदी की भारी जमा के चलते सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपनी कर्ज की ब्याज दरों में 0.2 प्रतिशत कटौती की है।
बैंक ने बताया कि कोष की सीमांत लागत पर आधारित ब्याज की नई दर (एमसीएलआर) एक नवंबर से प्रभावी होगी।
बैंक ने एक वर्ष की अवधि के कर्ज की ब्याज दर को 9.25 प्रतिशत से घटाकर 9.05 प्रतिशत किया गया है। इसी प्रकार तीन एवं छह महीने की अवधि वाले रिण की ब्याज दरों में भी कटौती की गई है।
तीन माह के कर्ज पर ब्याज दर 8.95 प्रतिशत और छह माह के लिये 9 प्रतिशत होगी। सार्वजनिक क्षेत्र के एक अन्य बैंक ने कल भी अपनी चुनिंदा परिपक्वता की एमसीएलआर दर में 0.05 प्रतिशत कटौती की है।
बैंकों में जून के बाद से कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर को नया बेंचमार्क बनाया गया है। इससे पहले नया कर्ज लेने वालों के लिये आधार दर की प्रणाली चल रही थी।