नई दिल्ली। देश की दो बड़ी दूरसंचार कंपनियां वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्यूलर का विलय सौदा पूरा होने में देरी हो सकती है क्योंकि दूरसंचार विभाग वोडाफोन से करीब 4,700 करोड़ रुपए की नई मांग करने पर विचार कर रहा है। मामले से जुड़े एक सूत्र ने यह जानकारी दी। दोनों कंपनियों का विलय सौदा 30 जून तक पूरा होने की उम्मीद की जा रही थी लेकिन दूरसंचार विभाग के ताजा कदम की वजह से इसमें देरी हो सकती है। आइडिया के साथ विलय से पहले वोडाफोन इंडिया से बकाया राशि चुकाने को कहा जाएगा।
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि वोडाफोन इंडिया ने अपनी सभी इकाइयों को एक कंपनी में विलय कर दिया और इसमें कंपनी पर एकमुश्त स्पेक्ट्रम शुल्क (ओटीएससी) से जुड़े करीब 4,700 करोड़ रुपये का बकाया है। दूरसंचार विभाग आइडिया के साथ विलय से पहले वोडोफोन को बकाया चुकाने या फिर बैंक गारंटी देने को कहेगा।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में वोडाफोन ने अपनी चार अनुषंगी कंपनियों वोडाफोन ईस्ट, वोडाफोन साउथ, वोडाफोन सेल्युलर और वोडाफोन डिजिलिंक का वोडाफोन मोबाइल सर्विसेज में विलय किया था, जो अब वोडाफोन इंडिया है।
विलय के समय दूरसंचार विभाग ने वोडाफोन से ओटीएससी का 6,678 करोड़ रुपए बकाया चुकाने को कहा था लेकिन वोडाफोन ने इस फैसले को अदालत में चुनौती दी थी। उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद, सौदे की मंजूरी के लिए वोडाफोन ने केवल 2,000 करोड़ रुपए का भुगतान किया था।
दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने दूरसंचार विभाग से कानूनी सलाह लेने को कहा है कि क्या वोडाफोन इंडिया से बकाये की मांग की जा सकती है। सूत्र ने कहा कि दूरसंचार विभाग को कानूनी राय मिली है, जिसमें कहा गया है कि वोडाफोन से बकाये की मांग की जा सकती है।
अधिकारी ने कहा कि अंतिम राशि को लेकर अभी काम चल रहा है, इसमें ब्याज भी शामिल हो सकता है और अगले सप्ताह तक भुगतान की मांग की जा सकती है। यह बकाया राशि 2,100 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी के अतिरिक्त है। यह राशि आइडिया सेल्यूलर के एक मुश्त स्पेक्ट्रम शुल्क से संबंधित है।