मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति की अक्टूबर में हुई बैठक की जानकारियों से पता चलता है कि दिसंबर की बैठक में भी नीतिगत दरों में कोई कटौती नहीं की जाएगी बशर्ते दूसरी तिमाही की वृद्धि के आंकड़े अप्रत्याशित न हों। जापान की वित्तीय सेवाएं देने वाली कंपनी नोमूरा ने एक रिपोर्ट में कहा है कि चूंकि अर्थव्यवस्था पहली तिमाही में नीचे उतर चुकी है और अक्टूबर में खुदरा महंगाई के तीन प्रतिशत के नीचे रहने की उम्मीद है। जब तक महंगाई चार प्रतिशत से अधिक नहीं हो जाए, हम दिसंबर की बैठक में भी दरों के अपरिवर्तित रहने की उम्मीद करते हैं।
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नोमूरा ने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा कि समिति के सदस्य रविन्द्र ढोलकिया दर में कमी का पक्ष लेंगे जबकि माइकल पात्रा इसे स्थिर रखने की बात करेंगे। शेष अन्य चार सदस्यों की राय इस बात पर निर्भर करेगी कि ग्रोथ का रुख कैसा होता है।
रिपोर्ट में कहा गया है ढोलकिया और पात्रा के दृष्टिकोण में मतांतर कायम रहेगा। ढोलकिया काफी ऊंची दरों का हवाला देकर 40 आधार अंकों की कटौती की वकालत करेंगे जबकि पात्रा दर अपरिवर्तित रखने तथा जरूरत पड़ने पर बढ़ा देने के पक्ष में टिके रहेंगे।
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उल्लेखनीय है कि RBI ने चार अक्टूबर को हुई बैठक का विवरण कल जारी किया था। मौद्रिक नीति समिति ने उस बैठक में 5-1 से दर अपरिवर्तित रखने का फैसला लिया था। सरकार द्वारा नामांकित सदस्य ढोलकिया 25 आधार अंकों की कटौती के पक्ष में मतदान करने वाले अकले सदस्य थे।