नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एकबारगी कालाधन का खुलासा करने की सुविधा के बारे में नए निरंतर पूछे जाने वाले सवालों (एफएक्यू) पर स्पष्टीकरण जारी किए हैं। इसमें स्पष्ट किया गया है कि कालेधन का खुलासा करने वाले व्यक्ति के लिए पैन नंबर का उल्लेख करना अनिवार्य होगा। वहीं आयकर रिटर्न जमा नहीं करने वाले भी इसके तहत आवेदन कर सकेंगे, पर उन्हें कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी।
यह CBDT द्वारा जारी स्पष्टीकरणों का दूसरा सेट है। इसके तहत 11 सवालों के जवाब दिए गए हैं। वहीं मई में जारी एफएक्यू में CBDT ने 14 ऐसे सवालों पर स्पष्टीकरण दिया था। आय घोषणा योजना (आईडीएस) के तहत खुलासा करने के लिए क्या स्थायी खाता संख्या (पैन) अनिवार्य होगा, इस सवाल पर एफएक्यू में हां कहा गया है। इसमें कहा गया है कि सभी प्रत्यक्ष कर उद्देश्यों के लिए पैन एक विशिष्ट पहचान है। योजना के तहत लाभ और छूट लेने के लिए भी यह जरूरी है। एफएक्यू में कहा गया है कि यह योजना सभी लोगों, निवासी और अनिवासी के लिए है।
यह भी पढ़ें- Mann Ki Baat: PM मोदी ने कहा- 30 सितंबर तक करें काले धन का खुलासा, नहीं तो होगी कड़ी कार्रवाई
इसमें स्पष्ट किया गया है कि जिन लोगों के खिलाफ आयकर विभाग ने छापेमारी की है और आयकर कानून की धारा 153 ए के तहत आय के आकलन के लिए नोटिस जारी किया जा सकता है, वे आईडीएस योजना में भाग लेने के पात्र नहीं होंगे। इसमें कहा गया है कि किसी ऐसी कंपनी द्वारा संपत्ति की घोषणा, जिसका विलय किया गया है या सीमित दायित्व भागीदारी (एलएनपी) में तब्दील किया गया है, ऐेसे मामलों में संपत्ति की घोषणा विलय बाद बनी उस कंपनी या एलएलपी के नाम पर उस साल के लिए करना होगा जिस साल यह विलय हुआ है।
यह भी पढ़ें- काले धन में रंग लाई सरकार की कोशिशें, विदेशी बैंकों में जमा 13000 करोड़ रुपए का हुआ खुलासा
ताजा स्पष्टीकरण में कहा गया है कि कर अधिकारी द्वारा रिटर्न दाखिल नहीं करने वालों के संबंध में नॉन फाइलर्स मैनेजमेंट सिस्टम (एनएमएस) प्रक्रिया के तहत यदि समन जारी किया गया है, लेकिन उन्हें आगे कार्रवाई के लिए नोटिस नहीं दिया गया तो वह इस खुलासा योजना का लाभ उठा सकते हैं। एनएमएस प्रणाली उन लोगांे की पहचान करती है जो कर योग्य आय के बावजूद आयकर रिटर्न जमा नहीं करते हैं।
एफएक्यू में यह भी कहा गया है कि लोगों और इकाइयों के लिए आईडीएस के तहत घोषित की जा रही संपत्ति की मूल्यांकन रिपोर्ट नत्थी करना जरूरी होगा। इसमें कहा गया है कि कोई व्यक्ति उस आकलन वर्ष के लिए इस योजना का पात्र नहीं होगा, जिसके लिए मामला निपटान आयोग में लंबित है। सामान्य तौर पर पूछे जाने वाले सवालों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति आय घोषणा योजना (आईडीएस) के तहत घोषित कालेधन पर कर, अधिभार और जुर्माने का आंशिक भुगतान ही करता है तो उसकी घोषणा को अवैध माना जायेगा।
इसमें कहा गया है, योजना के तहत घोषणा को केवल तभी वैध माना जायेगा जब संबंधित व्यक्ति कर, अधिभर और जुर्माने का पूरा भुगतान 30 नवंबर 2016 को अथवा इससे पहले कर देगा। योजना के तहत कर एवं जुर्माने की भुगतान की यह तिथि निर्धारित है। इससे पहले चार माह की घोषणा अवधि सितंबर तक जारी रहेगी। आईडीएस की यह सुविधा खिड़की एक जून को खुल गई थी।
यह भी पढ़ें- कालेधन के मामले में सरकार बहुत जोरदार तरीके से कर रही है काम: सिन्हा