नई दिल्ली। कालाधन खुलासे पर गोपनीयता कायम रखने का वादा करते हुए सरकार ने कहा कि वह किसी तरह की चिंता को दूर करने को और कदम बढ़ाने और एकबारगी अनुपालन खिड़की पर किसी तरह के सकारात्मक सुझावों को शामिल करने को तैयार है। घरेलू कालाधन खुलासा योजना आय खुलासा योजना (आईडीएस) के लिए चार माह की अनुपालन खिड़की खुले अब करीब दो माह हो गए हैं। इस योजना के तहत कोई व्यक्ति बेहिसाबी संपत्ति पर 45 फीसदी का कर और जुर्माना अदा कर पाक साफ होकर निकल सकता है। वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आज कहा कि सरकार इस योजना पर किसी तरह की चिंता और सुझावों को लेकर खुले मन से विचार करने को तैयार है।
आय खुलासा योजना-2016 पर एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मेघवाल ने कहा, हम खुले दिल से आपकी सभी आशंकाएं दूर करने को तैयार हैं। आपको कुछ भी संदेह है तो उसके बारे में हमें लिखें। हम उस पर स्थिति स्पष्ट करने को और कदम बढ़ाएंगे। यह अनुपालन खिड़की एक जून से खुली है। उन्होंने उद्योग से सकारात्मक रवैया अपनाने का आग्रह करते हुए कहा, सरकार खुले मन से आपके पास आ रही है और आप जो भी सुझाव दैंगे हम उन पर विचार करने का प्रयास करेंगे। मंत्री ने कहा कि सकारात्मक सुझावों को आईडीएस में शामिल किया जाएगा।
सूचना की गोपनीयता का वादा करते हुए उन्होंने कहा कि हमने लिखित में दिया है कि सूचना को किसी अन्य एजेंसी से साझा नहीं किया जाएगा। मेघवाल ने बताया कि आयकर कानून की धारा 138 को आय खुलासा योजना में लागू किया गया है जिसके तहत खुलासे वाली सामग्री को गोपनीय रखने का प्रावधान है। इसके अलावा इस तरह की वर्गीकृत सामग्री को अदालत में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। अदालत में इस तरह की सामग्री का इस्तेमाल सिर्फ कर से संबंधित किसी अपराध के अभियोजन में ही किया जाएगा।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की सदस्य रानी सिंह नायर ने कहा कि 45 प्रतिशत की कर और जुर्माना दर यह देखते हुए ऊंची नहीं है कि अनुपालन करने वाले करदाता को भी करीब 35 फीसदी का कर देना होता है। इसे 45 फीसदी से नीचे रखने पर ईमानदार करदाता हतोत्साहित होता। उन्होंने कहा कि नए कानून आ रहे हैं जिससे बेहिसाबी धन को रखना मुश्किल होगा।
यह भी पढ़ें- कालेधन की घोषणा 30 सितंबर तक करें, या कार्रवाई को तैयार रहें: पीएम मोदी
यह भी पढ़ें- कालाधन छुपाने वालों पर कार्रवाई की तैयारी, CBDT ने जुटाई बड़े लेनदेन के 9 लाख मामलों की जानकारी