नई दिल्ली। देश में कालाधन रखने वालों और उसका खुलासा न करने वालों को सरकार ने आज सख्त चेतावनी दी है। सरकार ने कहा है कि चार महीने की अनुपालन खिड़की बंद होने के बाद पकड़े गए काले धन पर दोगुना टैक्स व जुर्माना देना होगा। इस दौरान अघोषित संपत्ति की घोषणा नहीं करने पर ऐसे लोगों को सात साल तक की जेल सजा भी हो सकती है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016-17 का बजट पेश करते हुए इस अनुपालन खिड़की की घोषणा की है। यह खिड़की एक जून, 2016 को खुलेगी। इसके तहत कालेधन की घोषणा करने पर उस धन पर 30 फीसदी की दर से टैक्स और 15 फीसदी सरचार्ज और जुर्माना अदा कर मुकदमे से बचने का प्रावधान है। इस खिड़की के बंद होने के बाद जुर्माना बढ़कर 60 फीसदी हो जाएगा, जबकि 30 फीसदी सरचार्ज और जुर्माना देना होगा। इस तरह कुल घोषित राशि पर 45 के बजाये 90 फीसदी टैक्स एवं जुर्माने का भुगतान करना होगा। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि पिछले दो साल में सरकार के अभियान से करीब 20,000 करोड़ रुपए घरेलू काले धन को बाहर निकाला गया है। विभाग के पास यदि कालाधन रखने वाले किसी व्यक्ति के बारे में जानकारी होगी तो वह इस खिड़की का लाभ नहीं उठा सकेगा।
अधिया ने कहा, यदि आप अनुपालन खिड़की के तहत अघोषित संपत्ति की घोषणा नहीं करते हैं और बाद में पकड़े जाते हैं तो आपको 30 फीसदी के मूल टैक्स पर 200 फीसदी का जुर्माना देना होगा। इसका मतलब है कि कुल राशि का 90 फीसदी (30 फीसदी टैक्स और 60 फीसदी जुर्माना) देना होगा। साथ ही उस व्यक्ति पर आयकर कानून के तहत मुकदमा भी चलेगा। राजस्व सचिव अधिया ने कहा कि यदि हमें किसी तरीके से आपकी अघोषित आय के बारे में पता है अथवा किसी ने इसके बारे में पहले से जानकारी दी हुई है, यदि उस सूचना के आधार पर हमने आकलन नोटिस भेजा है, तो भी आप अनुपालन खिड़की के तहत काले धन की घोषणा नहीं कर सकते।
यह अनुपालन खिड़की 1 जून से 30 सितंबर, 2016 तक खुलेगी। घोषणा करने के दो महीने के भीतर भुगतान करना होगा। अधिया ने बताया कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) बार-बार पूछे जाने वाले सवालों (एफएक्यू) का सेट जारी करेगा, जिससे लोगों को अनुपालन खिड़की के प्रावधानों को समझने में मदद मिल सके। सरकार 2015 में विदेश में रखे कालेधन पर भी ऐसी ही योजना लेकर आई थी। 30 सितंबर, 2015 को बंद हुई उस अनुपालन खिड़की के तहत कुल 4,147 करोड़ रुपए के कालेधन की घोषणा की गई। 30 फीसदी टैक्स और 30 फीसदी जुर्माने के जरिये सरकार को इसमें कुल 2,500 करोड़ रुपए की प्राप्ति हुई।