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कालाधन मामला: भारत सभी मामलों में गोपनीय उपबंध का उपयोग नहीं करेगा

काला धन सिलसिले में दूसरे देशों से सूचना प्राप्त करने की प्रकिया में संबंधित व्यक्ति को इसकी सूचना न देने के विशेषाधिकार का उपयोग विशेष मामलों में होगा।

Abhishek Shrivastava
Updated on: May 18, 2016 17:42 IST
काला धन मामला: भारत सभी मामलों में गोपनीय उपबंध का उपयोग नहीं करेगा- India TV Paisa
काला धन मामला: भारत सभी मामलों में गोपनीय उपबंध का उपयोग नहीं करेगा

नई दिल्ली। आयकर विभाग की सर्वोच्च नीतिगत संस्था सीबीडीटी ने भारतीयों द्वारा विदेशी खातों में रखे गए काला धन के सिलसिले में दूसरे देशों से सूचना प्राप्त करने की प्रकिया में संबंधित व्यक्ति को इसकी सूचना न देने के विशेषाधिकार का उपयोग केवल विशेष मामलों में ही करने का निर्णय किया है। इसका मकसद सूचना प्राप्त करने में देरी से बचना है।

उपबंध रिफ्रेनमेंट फ्रॉम प्रायर नोटिफिकेशन का सूचना के आदान प्रदान के लिए नियमावली के तहत जिक्र है। इसमें भारतीय एजेंसियों को अपने अनुरोध में यह अधिसूचित करना होता है कि जिस व्यक्ति के बारे में वे सूचना मांग रही हैं, उस व्यक्ति को इसके बारे में नहीं बताया जाना चाहिए।

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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अपने ताजा आदेश में कहा है, जब कभी अधिसूचना में रिफ्रेनमेंट फ्रॉम प्रायर नोटिफिकेशन का अनुरोध किया जाता है, इसका स्वत: मतलब होता है कि जो सूचना पहले से करदाता के पास है, उसे प्राप्त नहीं किया जा सकता और विदेशी कर प्राधिकरण इसे उपलब्ध नहीं करा सकते हैं।इसमें कहा गया है कि अनुरोध में संबंधित व्यक्ति को जानकारी नहीं देने की बात कहने से कई मामलों में जब करदाता से जानकारी प्राप्त करने की जरूरत होती थी विदेशी कर प्राधिकरण सूचना उपलब्ध कराने में अक्षमता जतातीं हैं।

अत: बोर्ड ने निर्देश दिया है कि केवल विशेष मामलों में ही संबंधित व्यक्ति को जानकारी नहीं देने का अनुरोध किया जाएगा और इसका उपयोग नियमित रूप से इसका सभी मामलों में इस्तेमाल नहीं होगा। आदेश के अनुसार जब भी इस प्रकार का अनुरोध किया जाता है, उसके साथ साक्ष्य तथा समुचित कारण होने चाहिए। अन्यथा वित्त मंत्रालय में इस प्रकार के अनुरोधों को देखने वाला नोडल विभाग बिना गोपनीय उपबंध का उपयोग किए दूसरे देशों को अनुरोध भेजेंगे।

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