नई दिल्ली। रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने कहा कि सरकार म्यूकोरमिकोसिस (ब्लैक फंगस) के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली फंगल-रोधी दवा का उत्पादन बढ़ाने के लिए दवा निर्माताओं के साथ बातचीत कर रही है। गौरतलब है कि कोविड-19 बीमारी से उबर चुके या उबर रहे लोगों में ब्लैक फंगस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के साथ डॉक्टरों ने बीमारी से उबरने वाले लोगों में एक दुर्लभ संक्रमण म्यूकोरमिकोसिस होने की जानकारी दी है, जिसे ब्लैक फंगस भी कहा जाता है।
यह संक्रमण म्यूकोर मोल्ड के संपर्क में आने से आता है और यह साइनस, मस्तिष्क और फेफड़े को प्रभावित करता है तथा इससे जान भी जा सकती है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कुछ राज्यों में अचानक से एम्फोटेरिसिन-बी की मांग में वृद्धि देखी गई है। चिकित्सक कोविड-19 बीमारी के बाद होने वाली म्यूकोरमिकोसिस से पीड़ित रोगियों के इलाज के लिए यह दवा लेने की सलाह देते हैं। इसलिए भारत सरकार दवा के उत्पादन को बढ़ाने के लिए निर्माताओं से बातचीत कर रही है। इस दवा के अतिरिक्त आयात और घरेलू स्तर पर इसके उत्पादन में वृद्धि के साथ आपूर्ति की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है।
मंत्रालय ने कहा कि औषध विभाग ने निर्माताओं/आयातकों के साथ स्टॉक की स्थिति की समीक्षा करने के बाद और एम्फोटेरिसिन-बी की बढ़ती मांग को देखते हुए 11 मई, 2021 को अपेक्षित आपूर्ति के आधार पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को यह दवा आवंटित की, जो 10 मई से 31 मई, 2021 के बीच उपलब्ध कराई जाएगी। बयान के अनुसार राज्यों से सरकारी और निजी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य सेवा एजेंसियों के बीच आपूर्ति के समान वितरण के लिए एक व्यवस्था लागू करने का भी अनुरोध किया गया है।
राज्यों से यह भी अनुरोध किया गया है कि वे इस आवंटन से दवा प्राप्त करने के लिए राज्य में निजी और सरकारी अस्पतालों के लिए संपर्क बिंदु का प्रचार करें। मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) आपूर्ति व्यवस्था की निगरानी करेगा।
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