नई दिल्ली। BJP ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर बड़े आरोप लगाते हुए कहा है कि 9000 करोड़ रुपए का लोन डिफॉल्ट करके विदेश भागने वाले विजय माल्या को लोन दिलाने में इन्हीं दोनों ने मदद की थी। मामले में बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विजय माल्या के साथ इन दोनों के पत्राचार की जानकारी दी और सारी चिट्ठियां भी मिडिया के सामने पेश कीं।
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BJP ने लगाए गंभीर आरोप
- प्रेस कॉन्फ्रेंस में पात्रा ने दावा किया कि अभी बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिले, जिन्होंने माल्या को टॉप ब्यूरोक्रेट्स से बात करने को कहा।
- बीजेपी प्रवक्ता के मुताबिक, मनमोहन के निर्देश पर माल्या उनके सलाहकार टी के ए नायर से मिले। इतना ही नहीं तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने माल्या की मदद के लिए संबंधित मंत्रालयों से खुद बात की।
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मनमोहन ने ऐसे की थी माल्या की मदद
- पात्रा ने कहा- 2004 में पहली बार माल्या को लोन दिया गया, फिर 2008 में लोन दिया गया. माल्या की कंपनी को नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPAs) घोषित कर दिया गया था लेकिन इसके बाद भी 2010 में फिर लोन दिया गया।
किंगफिशर के बेलआउट की हुई थी घोषणा
- पात्रा ने कहा उस दिन प्रधानमंत्री ने रिपोर्टरों से बात करते हुए कहा था, हमने किंगफिशर को मुश्किल से निकालने का रास्ता निकाल लिया।
- आपको बता दें कि तत्कालीन केंद्रीय मंत्री वायलार रवि ने बेल आउट पैकेज की घोषणा की थी।
- पात्रा ने कहा कि मनमोहन सिंह ने माल्या की किस हद तक मदद की इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने माल्या का अकाउंट फ्रीज कर दिया तो मनमोहन सिंह के दबाव में उनका अकाउंट अनफ्रीज करना पड़ा।
चिदंबरम से भी मांगी थी मदद
- मनमोहन सिंह की इन्हीं मेहरबानियों पर माल्या ने 22 नवंबर 2011 को एक और चिट्ठी लिखी।
- दूसरी चिट्ठी में विजय माल्या ने मनमोहन सिंह के प्रति फिर से धन्यवाद ज्ञापित किया।
- पात्रा ने बताया कि विजय माल्या ने तीसरी चिट्ठी पी. चिदंबरम को 21 मार्च 2013 को लिखी।
- इस चिट्ठी का सबजेक्ट स्टेट बैंक ऑफ इंडिया था।
- इस पत्र में माल्या ने चिदंबरम से कहा था, हालांकि, स्टेट बैंक से किंगफिशर एयरलाइन पर कर्ज के बोझ को देखते हुए नाखुश हो सकता है। लेकिन, एयरलाइन के पिछले शानदार रेकॉर्ड को देखते हुए थोड़ी नरमी बरतनी चाहिए, लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहा है।
- माल्या ने पत्र के जरिए चिदंबरम से गुहार लगाई कि वह स्टेट बैंक से एनओसी जारी करवाने के लिए मामले में दखल दें।
दूसरी चिट्ठी 22 मार्च 2013 को लिखी गई
- पात्रा ने बताया कि माल्या ने चिदंबरम को दूसरी चिट्ठी 22 मार्च 2013 को लिखी।
- माल्या ने कहा कि वित्त मंत्री से मिलने के बाद कुछ साकारात्मक पहल हुई है।
- उन्होंने कहा कि पीएएम को दुत्कारने के बाद एसबीआई बेंगलुरु किंगफिशर एयरलाइन को प्रेफरेंशल अलॉटमेंट के लिए एनओसी जारी करने पर राजी हो गया।
माल्या पर क्या है आरोप
- आपको बता दें कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई में 17 बैंकों के समूह ने प्राधिकरण की बंगलुरु पीठ से अपील की थी कि माल्या और किंगफिशर से 6,203 करोड़ रुपये के रकम की वसूली की जाए।
- 26 जुलाई 2013 से कर्ज नहीं चुकाने पर मूल रकम पर 11.5 फीसदी का सालाना ब्याज भी लगाया गया है।
फिलहाल विजय माल्या लंदन में हैं और उन्हें एक भारतीय अदालत ने भगोड़ा अपराधी घोषित किया है।