नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोकसभा चुनाव-2019 के लिए अपना चुनावी घोषणापत्र सोमवार को जारी किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के मुख्य भाषण के साथ यह घोषणापत्र जारी किया गया।
भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है और भारत की इकोनॉमी को 5 लाख करोड़ डॉलर का बनाने के लिए अपना रोडमैप भी देशवासियों के सामने रखा है।
घोषणापत्र में कहा गया है कि 2014 में एनडीए की सरकार बनने के बाद भारत दुनिया की सबसे तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था बना है। इस दौरान भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है और अब हमारा लक्ष्य 2030 तक भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं। घोषणापत्र में भारत को 2025 तक 5 लाख करोड़ डॉलर और 2032 तक 10 लाख करोड़ डॉलर की इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
घोषणापत्र में कहा गया है कि 1991 के बाद की सभी सरकारों की तुलना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने पिछले पांच सालों में सबसे अधिक औसत जीडीपी वृद्धि दर (7.3प्रतिशत) हासिल की है और औसत उपभोक्ता महंगाई दर को न्यूनतम (4.6 प्रतिशत) बनाए रखा है। 2014-19 के दौरान औसत राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3.7 प्रतिशत पर रखा है, जो 2009-14 के दौरान 5.4 प्रतिशत था।
टैक्स पॉलिसी
हमारी आर्थिक नीति टैक्स रेट को कम करने और अनुपालन में सुधार लाने पर केंद्रित है, जिसके परिणामस्वरूप टैक्स आधार में वृद्धि होगी। अनुपालन में सुधार और कर आधार में वृद्धि के साथ, जीडीपी अनुपात में टैक्स बढ़कर 12 प्रतिशत पर पहुंच गया है, जो 2013-14 में 10.1 प्रतिशत था। राजस्व में वृद्धि से गरीबों को लाभ पहुंचा है और आधारभूत संरचना के विकास में तेजी आई है। घोषणापत्र में आर्थिक नीति को इसी प्रकार आगे भी जारी रखने की बात कही गई है, जिसमें ईमानदार करदाताओं को पुरस्कृत करने के लिए टैक्स रेट में और कटौती का इशारा किया गया है।
जीएसटी
जीएसटी से टैक्स रेट में ओवरऑल कमी आई और इससे राजस्व संग्रह में भी वृद्धि हुई है, विशेषकर राज्यों के लिए, आधार वर्ष 2015-16 की तुलना में सभी राज्यों के लिए जीएसटी संग्रह तीन सालों में 50 प्रतिशत बढ़ा है। सभी प्रतिभागियों के साथ विचार-विमर्श कर आगे भी जीएसटी प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए काम किया जाएगा।
100 लाख करोड़ रुपए का निवेश
गरीबों और किसानों के लिए सामाजिक सुरक्षा का विस्तार किया जाएगा, इसलिए देश में पूंजी निवेश को एक नई ऊंचाई पर ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। 2024 तक इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में 100 लाख करोड़ रुपए के निवेश की बात घोषणापत्र में कही गई है। मुद्रास्फीति को 4 प्रतिशत पर बनाए रखने और अपने बैंकिंग सिस्टम को साफ-सुथरा बनाने के जरिये सरकार ने पूंजी लागत को कम करने का प्रयास किया है। इससे न केवल इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश में बल्कि समग्र अर्थव्यवस्था में निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी।