नई दिल्ली। आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि किसी मान्य शेयर बाजार या जिंस एक्सचेंज से कारोबार के दौरान किसी भी मूल्य (50 लाख रुपये से अधिक अधिक मूल्य के भी) के शेयरों या जिंसों की खरीद करने वाली कंपनियों को लेनदेन को लेकर स्रोत पर कर कटौती (TDS) नहीं करनी होगी। आयकर विभाग ने एक जुलाई से स्रोत पर कर कटौती का प्रावधान लागू किया है। यह 10 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाली कंपनियों पर लागू होगा। इस तरह की इकाइयों को एक वित्त वर्ष में किसी निवासी से 50 लाख रुपये से अधिक की वस्तुओं की खरीद के भुगतान पर 0.1 प्रतिशत का टीडीएस काटने की जरूरत होती है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा कि यह प्रावधान स्टॉक एक्सचेंजों के जरिये शेयरों या जिंसों के लेनदेन पर लागू नहीं होगा। आयकर विभाग ने कहा कि उसे इस तरह के ज्ञापन मिले हैं कि कुछ एक्सचेंजों और समाशोधन निगमों के जरिये लेनदेन में आयकर कानून की धारा 194 क्यू के तहत टीडीएस के प्रावधानों के क्रियान्वयन में व्यावहारिक दिक्कतें होती हैं। कई बार इस तरह के लेनदेन में खरीदार और विक्रेता के बीच एक-दूसरे से अनुबंध नहीं होता। सीबीडीटी की ओर से 30 जून को जारी दिशानिर्देशों के अनुसार इस तरह की कठिनाइयों को दूर करने के लिए कानून की धारा 194 क्यू ऐसे मामलों में लागू नहीं होगी] जिनमें प्रतिभूतियों और जिंसों का लेनदेन मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों या समाशोधन निगमों के जरिये हुआ है।
कंपनियों द्वारा टीडीएस काटने संबंधित धारा 194 क्यू को 2021-22 के बजट में पेश किया गया था। यह प्रावधान एक जुलाई, 2021 से लागू हुआ है। सीबीडीटी ने यह भी स्पष्ट किया है कि केवल एक वित्त वर्ष में 10 करोड़ रुपये से अधिक के टर्नओवर वाली ही कंपनियों को 50 लाख रुपये से अधिक की वस्तुओं की खरीद पर टीडीएस काटने की आवश्यकता होगी।
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