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Hallmarking को लेकर आई ये शिकायत, GJC ने बताया BIS की बेवसाइट से गायब हैं महत्‍वपूर्ण बिंदु

उद्योग संगठन ने इस बारे में उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर कहा है कि बीआईएस ने अपनी वेबसाइट पर जो एफएक्यू जारी किया है, उसमें काफी पेंच है और अस्पष्टता है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: July 04, 2021 9:21 IST
BIS website, FAQs don't reflect key points on hallmarking, GJC writes to Goyal- India TV Paisa
Photo:FILE PHOTO

BIS website, FAQs don't reflect key points on hallmarking, GJC writes to Goyal

नई दिल्‍ली। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की वेबसाइट तथा एफएक्यू (बार-बार पूछे जाने वाले सवाल) से हॉलमार्किंग के उन प्रमुख बिंदुओं के बारे में पता नहीं चलता है, जिनपर रत्न एवं आभूषण उद्योग तथा सरकार के बीच विचार-विमर्श हुआ है। ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल (GJC) ने शनिवार को कहा कि इससे सर्राफा कारोबारियों में असमंजस की स्थिति है।

उद्योग संगठन ने इस बारे में उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर कहा है कि बीआईएस ने अपनी वेबसाइट पर जो एफएक्यू जारी किया है, उसमें काफी पेंच है और अस्पष्टता है। इससे सर्राफा कारोबारियों में असमंजस है। पत्र में कहा गया है कि वेबसाइट और एफएक्यू में कई ऐसे महत्वपूर्ण बिंदु शामिल नहीं हैं, जिनपर 15 जून को अंशधारकों तथा सरकार के बीच हुई बैठक में विचार-विमर्श हुआ था।

जीजेसी के चेयरमैन आशीष पेठे ने कहा कि एक काफी महत्वपूर्ण बिंदु सर्राफा कारोबारियों का एकबारगी पंजीकरण और बीआईएस के साथ कोई नवीकरण नहीं है, जिसका बीआईएस की वेबसाइट पर एफएक्यू में उल्लेख नहीं है। इसके अलावा हॉलमार्किंग सिर्फ बिक्री के पहले बिंदु पर लागू होगी है, यह उल्लेखनीय बात भी एफएक्यू से गायब है।

पेठे ने कहा कि वितरण, भंडारण, परिवहन और आभूषणों की बिक्री के लिए प्रदर्शनी (बीआईएस कानून, 2016 की धारा 15 के तहत) को अभी एफएक्यू से हटाया नहीं गया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा विनिर्माताओं को हॉलमार्क वाले आभूषण में अपने लोगो के इस्तेमाल का मौका दिया जाएगा तथा साथ ही बी2बी उपभोक्ता लोगो और लॉग-इन का भी इसमें जिक्र नहीं है। पेठे ने कहा कि इस बारे में कहा गया था कि हॉलमार्किंग विशिष्ट पहचान (एचयूआईडी) को विचार विमर्श के लिए रखा जाएगा और इस बारे में अंतिम निर्णय उच्चस्तरीय समिति द्वारा लिया जाएगा। उन्होंने यह भी दावा किया है कि बीआईएस ने पहले से ही छह अंकीय एचयूआईडीय को आभूषणों में एएचसी के जरिये शुरुआत कर दी है।

बीआईएस एफएक्यू में अनिवार्य प्रणाली के तहत में कहा गया है कि पंजीकृत आभूषण विक्रेता को सामान को हॉलमार्किंग के लिए भेजने से पहले बीआईएस पोर्टल पर आभूषणों, उसके हिस्सों को अपलोड करना होगा और सॉफ्टवेयर पर उसकी माप करनी होगी। पेठे ने कहा जबकि इससे पहले हुई चर्चा में यह स्पष्ट किया गया था कि एचयूआईडी और डिजिटलीकरण केवल हालमार्किंग केन्द्रों तक ही सीमित रहेगा और इसमें किसी भी आभूषण निर्माता को शामिल नहीं किया जाएगा।

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