नई दिल्ली। आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला तथा वोडाफोन समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विटारियो कोलाओ ने आज दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा से मुलाकात की। इस बैठक में वोडाफोन-आइडिया विलय सौदे के तौर तरीके पर चर्चा हुई।
बिड़ला-कोलाओ के साथ इस बैठक में दोनों कंपनियों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। इसमें इस बड़े विलय सौदे के ब्योरे पर विचार विमर्श हुआ। बैठक आधे घंटे चली।
वोडाफोन इंडिया तथा आइडिया सेल्यूलर में सोमवार को अपने परिचालनों का विलय करने की सहमति बनी थी। इससे देश की सबसे बड़ी 23 अरब डॉलर की दूरसंचार कंपनी अस्तित्व में आएगी। इस कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 35 प्रतिशत होगी। भारतीय बाजार में फिलहाल वोडाफोन दूसरे और आइडिया सेल्यूलर तीसरे स्थान पर है। विलय के बाद यह दोनों कंपनियां दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मोबाइल बाजार में भारती एयरटेल को पीछे छोड़ देंगी।
बैठक के बाद बिड़ला और कोलाओ दोनों ने इसका ब्योरा देने से इनकार किया। विलय के बाद सामने आने वाली इकाई में ब्रिटिश कंपनी की 45.1 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। वहीं आइडिया की मूल कंपनी आदित्य बिड़ला समूह की इसमें 26 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। आइडिया 4.9 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 3,874 करोड़ रुपए का भुगतान करेगी। यह नई कंपनी अगले दो साल में अस्तित्व में आएगी। इसके प्रमुख की नियुक्ति बिड़ला करेगी। वोडाफोन के पास मुख्य वित्त अधिकारी की नियुक्ति का अधिकार होगा।