नई दिल्ली। हवाई यात्रियों को जल्द ही देश के तमाम एयरपोर्ट्स पर सुरक्षा जांच के लिए बायोमीट्रिक जानकारियों के उपयोग की सुविधा मिल सकती है। पायलेट परियोजना पर मिली अच्छी प्रतिक्रिया के बाद सरकार एयरपोर्ट्स पर ऐसी प्रणाली लगाने की दिशा में काम कर रही है।
इस संबंध में ठोस संकेत देते हुए नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा कि,
एयरपोर्ट्स पर यात्रियों के लिए बायोमीट्रिक सुरक्षा प्रणाली एक अच्छा विचार है। यह नवोन्मेषी विचार ऐसे समय में आया है, जब सुरक्षा विशेषज्ञों ने कुछ एयरपोर्ट पर हाथ में रखे जाने वाले हैंडबैग पर टैग लगाने की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया है।
- यह हवाई क्षेत्र की सुरक्षा प्रक्रिया को अधिक प्रभावी लेकिन यात्रियों के लिए कम बाधक बनाने की दिशा में एक कदम होगा।
- राजू ने कहा, हैदराबाद हवाईअड्डे पर बायोमीट्रिक प्रणाली का प्रयोग किया गया था। इस पर अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।
- बायोमीट्रिक प्रणाली एक बेहतर सुरक्षा प्रणाली हो सकती है।
- गौरतलब है कि हैदराबाद अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर लघु अवधि के लिए बायोमीट्रिक प्रणाली का पायलेट आधार पर उपयोग किया गया था।
- हालांकि यह कैसे किया जाता है इसकी तत्काल सटीक जानकारी नहीं मिली है।
- एविएशन सेक्टर में सुरक्षा की जिम्मेदारी ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्यूरिटी (बीसीएएस) के पास है।
- वहीं एविएशन सेक्टर का नियामक डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) है।
- ये दोनों ही नई जांच प्रणाली को लागू करने पर काम कर रहे हैं।
- एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) ने 110 करोड़ रुपए का ठेका सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बीईसीआईएल को दिया है।
- इसके तहत बीईसीआईएल 43 एयरोड्रम्स पर बायोमेट्रिक एसेस कंट्रोल सिस्टम उपलब्ध कराएगी।
- यहां कर्मचारी बायोमेट्रिक सिस्टम के जरिये अपनी पहचान सुनिश्चित करेंगे।