बेंगलुरु: देश की सबसे बड़ी ई-वाणिज्य कंपनी फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक बिन्नी बंसल ने कहा कि वह ‘गंभीर व्यक्तिगत कदाचार’ के आरोपों से स्तब्ध हैं। इन आरोपों पर बने घटनाक्रम के चलते बंसल ने 11 साल पहले खुद बनाई अपनी कंपनी से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, बंसल ने स्पष्ट किया कि वह वॉलमार्ट के मालिकाना हक वाली इस कंपनी में बड़े शेयरधारक और निदेशक मंडल में सदस्य बने रहेंगे।
इससे पहले मंगलवार को दिन में वालमार्ट ने एक बयान जारी कर कहा था कि बंसल ने समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला फ्लिपकार्ट और वॉलमार्ट की ओर से स्वतंत्र रूप से गंभीर व्यक्तिगत कदाचार के आरोपों की जांच के बाद दिया है। बयान में यह नहीं बताया गया है कि व्यक्तिगत कदाचार के आरोप क्या हैं? लेकिन बंसल ने इन आरोपों का जोरदार खंडन किया है।
अपने कर्मचारियों को लिखे एक पत्र में बंसल ने लिखा, ‘‘कुछ समय से मैं फ्लिपकार्ट समूह में परिचालन संबंधी पद से हटने के सही समय के बारे में विचार कर रहा था। मेरी योजना मौजूदा भूमिका में कुछ और तिमाहियों तक काम करने की थी, ताकि वालमार्ट के साथ समझौता आसानी से निपट जाए। हालांकि, मेरा पद छोड़ने का फैसला हाल में घटी घटनाओं के बाद निजी तौर पर लिया गया है।’’ बंसल ने लिखा कि यह घटनाक्रम उनके खिलाफ गंभीर निजी कदाचार को लेकर किए गए दावों से जुड़े हैं, ‘‘इस तरह की शिकायत की एक स्वतंत्र विधायी फर्म द्वारा की गई जांच में पुष्टि नहीं हो सकी।’’ सूत्रों के अनुसार यह जांच जुलाई में शुरू की गई थी।
बंसल ने कहा, ‘‘आरोपों से मैं स्तबध हूं और मैं इनका कड़ा प्रतिकार करता हूं। हालांकि जांच में विशेषरूप से निर्णयों में पारदर्शिता को लेकर कई अन्य खामियां सामने आई हैं। ये खामियां मेरे द्वारा परिस्थिति के हिसाब से प्रतिक्रिया को लेकर हैं।’’ उन्होंने कहा कि यह उनके और उनके परिवार के लिए ‘एक मुश्किल भरा समय’ है और इसलिए उन्होंने समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और चेयरमैन के पद से इस्तीफा देने का निर्णय किया है। उन्होंने साफ किया, ‘‘मैं कंपनी में एक बड़ा शेयरधारक बना रहूंगा और निदेशक मंडल के सदस्य के तौर पर काम करता रहूंगा।’’
बंसल ने 2007 में अपने आईआईटी-दिल्ली के सहपाठी सचिन बंसल के साथ फ्लिपकार्ट की शुरूआत की थी। दोनों के बीच कोई पारिवारिक रिश्ता नहीं है।