वॉशिंगटन। अमेरिका के ग्रीन कार्ड (स्थायी निवास का कार्ड) संबंधी कानून में संशोधन के लिए संसद में पेश एक ही तरह के दो विधेयक पेश किए गए हैं, जिनमें हर देश के हिसाब से इस कार्ड पर लगी अधिकतम सीमा समाप्त करने का प्रस्ताव है। यदि ये विधेयक पारित हो गए तो अमेरिका की स्थायी नागरिकता का इंतजार कर रहे हजारों भारतीय पेशेवरों को फायदा मिल सकता है।
रिपब्लिक पार्टी के सांसद माइक ली और डेमोक्रेटिक सांसद कमला हैरिस ने सीनेट में बुधवार को फेयरनेस फोर हाई स्किल्ड इमिग्रेंट्स एक्ट पेश किया। इसी तरह का एक अन्य विधेयक फेयरनेस फोर हाई स्किल्ड इमिग्रेंट्स एक्ट (एचआर 1044) सांसद जोए लॉफग्रेन और केन बक ने हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स में पेश किया।
यदि संसद में ये विधेयक पारित हो गए और कानून बन गए तो एच-1बी वीजा धारक हजारों भारतीय पेशेवरों को फायदा होगा।
अभी अमेरिका प्रति वर्ष करीब 1,40,000 लोगों को ग्रीन कार्ड देता है। हालांकि मौजूदा नियमों के अनुसार इनमें से किसी भी एक देश के लोगों को सात प्रतिशत से अधिक ग्रीन कार्ड नहीं दिए जा सकते हैं। इस नियम के कारण चीन और भारत जैसे अधिक आबादी वाले देशों के लोगों को दशकों का इंतजार करना पड़ता है।
हैरिस ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि हम शरणार्थियों का देश हैं और हमारी ताकत हमेशा विविधता और एकता में निहित रही है।