नयी दिल्ली। माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने कहा है कि भारत में अगले दशक में 'काफी तेज गति' से 'आर्थिक वृद्धि' हासिल करने की क्षमता है। इससे बड़ी संख्या में लोगों को गरीबी से बाहर निकाला जा सकेगा और सरकार को जोर शोर से स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में निवेश करने का अवसर मिलेगा।
विश्व के सबसे अमीर व्यक्ति गेट्स ने एक विशेष साक्षात्कार में देश की 'आधार' से पहचान सुनिश्चित करने की प्रणाली की तारीफ की। इसके साथ ही उन्होंने वित्तीय सेवा क्षेत्र और दवा क्षेत्र में देश के प्रदर्शन की सराहना की। एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत के बारे में गेट्स ने इस तरह की अच्छी बातें ऐसे समय की हैं जब देश भारी आर्थिक नरमी के दौर से गुजर रहा है। कुछ विशेषज्ञों का तो यहां तक मानना है कि इस स्थिति के लंबे समय तक बने रहने की आशंका है। गेट्स ने कहा, 'निकट भविष्य के बारे में तो मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है लेकिन मैं यह कह सकता हूं कि अगले एक दशक में काफी तेज वृद्धि की संभावनायें हैं। इससे काफी लोग गरीबी से बाहर निकलेंगे और सरकार स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में बढ़चढ़कर निवेश करने में सक्षम होगी।'
बता दें कि बिल गेट्स, 64 वर्ष, शुक्रवार को एक बार फिर दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए। उनकी कुल नेटवर्थ पूंजी 110 अरब डॉलर हो गई। उन्होंने अमेजन इंक के प्रमुख जेफ बेजोस को पीछे छोड़ते हुए यह स्थान फिर से हासिल कर लिया। माइक्रोसाफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स अब तक 35 अरब डॉलर की राशि बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन को दान कर चुके हैं। यह फाउंडेशन विभिन्न देशों में गरीबी दूर और सामाजिक विकास कार्यक्रमों को चलाता है। उन्होंने कहा, 'हर किसी को उम्मीद है भारत तेजी से वृद्धि करेगा क्योंकि भारत में इसके लिए पूरी संभावनायें मौजूद हैं।' गेट्स इन दिनों तीन दिन की भारत यात्रा पर हैं। इस दौरान वह यहां अपने फाउंडेशन के कार्यों की समीक्षा करेंगे।
गौरतलब है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में घटकर पांच प्रतिशत रह गई। यह छह साल से अधिक समय में देश की सबसे कम तिमाही वृद्धि दर है। उन्होंने आधार पहचान प्रणाली और यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के जरिये भुगतान करने की व्यवस्था की तारीफ की। गेट्स ने कहा, 'आधार पहचान प्रणाली और जिस तरह से लोगों के बीच यूपीआई भुगतान प्रणाली को अपनाया जा रहा है, अपने आप में काबिले तारीफ है। इस काम से कुछ अच्छे अनुभव भी मिले हैं।' उन्होंने कहा, 'हमें नंदन नीलेकणि जैसे लोगों के साथ साझेदारी करने के बारे में सोचना चाहिए। दूसरे देश भारत से सीख सकते हैं कि कैसे डिजिटल पहचान या वित्तीय सेवा प्रणालियों को लागू किया जा सकता है।' गेट्स ने टीकाकरण विनिर्माण में भारत की अग्रणी भूमिका की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि लोगों का जीवन बेहतर बनाने में सरकार का उल्लेखनीय योगदान रहा है।