वॉशिंगटन। अमेरिकी कंपनियों को एच1-बी प्रोग्राम का दुरुपयोग कर विदेशों से जॉब आउटसोर्स करने से रोकने वाला एक बिल संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में दोबारा पेश किया गया है। इस बिल के पास होने से भारतीय आईटी कंपनियों और पेशेवरों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
डेमोक्रेटिक सांसद डेरेक किलमर तथा रिपब्लिकन सांसद डॉग कोलिंस ने यह बिल पेश किया है। यह बिल ऐसे नियोक्ताओं के खिलाफ है, जो एच1-बी कार्यक्रम के जरिये अस्थाई वीजा हासिल करती हैं और इसका इस्तेमाल अमेरिका में कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने और बाद में इन रोजगारों को अन्य देशों में स्थानांतरित करते हैं।
कोलिंस ने एक बयान में कहा है कि अमेरिकी रोजगार संरक्षण कानून अमेरिकी कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने के उद्देश्य से पेश किया गया है। उल्लेखनीय है कि पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग सर्विस ने हाल ही में एक वृत्तचित्र का प्रसारण किया था, जिसमें दिखाया गया था कि एच1-बी वीजा कार्यक्रम के जरिए किस तरह से भारत जैसे देशों से कुशल कर्मचारी अमेरिका में उच्च प्रौद्योगिकी वाले रोजगार पा रहे हैं।
कोलिंगस ने कहा कि हमारी अर्थव्यस्था मजबूती से आगे बढ़ती रहे यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिकन नागरिकों के रोजगार के अवसरों की रक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। किलमर ने कहा कि हमारी नीतियां अमेरिका में रोजगारों को प्रोत्साहित करने वाली होनी चाहिए।