नयी दिल्ली। देश की सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी 29 सितंबर से शुरू हो रही है। आधार मूल्य के हिसाब से इस नीलामी में 5.63 लाख करोड़ रुपए की रेडियो तरंगों को बिक्री के लिए पेश किया जाएगा। दूरसंचार सचिव जे एस दीपक ने आवेदन आमंत्रित करने का नोटिस (एनआईए) जारी करते हुए कहा कि बिखराव और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के मुद्दों को हल करने के लिए बड़ी मात्रा में स्पेक्ट्रम को नीलामी के लिए रखा गया है और नियमों को बोलियां लगाने वालों के अनुकूल बनाया गया है।
तस्वीरों में देखिए कंपनियों के 4जी प्लांस
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सरकार सभी बैंड 700 मेगाहट्र्ज, 800 मेगाहट्र्ज, 900 मेगाहट्र्ज, 1800 मेगाहट्र्ज, 2100 मेगाहट्र्ज तथा 2300 मेगाहट्र्ज बैंड में कुल 2,354.55 मेगाहट्र्ज मोबाइल सेवा स्पेक्ट्रम बिक्री के लिए पेश करेगी। नीलामी के लिए रखे जाने वाले हर बैंड के स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल 4जी सेवाओं के लिए किया जा सकेगा। नीलामी के लिए पेश किए जाने वाले कुल स्पेक्ट्रम में से 197 मेगाहट्र्ज 1800 मेगाहट्र्ज बैंड तथा 37.5 मेगाहट्र्ज 800 मेगाहट्र्ज (सीडीएमए) बैंड में होगा। सरकार को चालू वित्त वर्ष में 2,354.55 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी से 64,000 करोड़ रुपए तथा दूरसंचार सेवाओं पर विभिन्न शुल्कों और सेवाओं से 98,995 करोड़ रुपए प्राप्त होने की उम्मीद है।
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यह पहली बार है जबकि 700 मेगाहट्र्ज बैंड स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए रखा जा रहा है। इस बैंड को काफी महंगा माना जाता है। इसमें 3जी सेवाएं प्रदान करने की लागत 2100 मेगाहट्र्ज से एक-तिहाई बैठती है। यदि 700 मेगाहट्र्ज में समूचा स्पेक्ट्रम आधार मूल्य पर बिक जाता है तो इससे ही अकेले सरकार को चार लाख करोड़ रुपए का राजस्व मिलेगा। दूरसंचार विभाग 13 अगस्त को बोली पूर्व सम्मेलन आयोजित कर रहा है जिसमें एनआईए को लेकर चीजें साफ की जाएंगी।