Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. अनिल अंबानी को मिली बड़ी राहत, Reliance Infratel की समाधान योजना को चुनौती देने वाली याचिका हुई खारिज

अनिल अंबानी को मिली बड़ी राहत, Reliance Infratel की समाधान योजना को चुनौती देने वाली याचिका हुई खारिज

रिलायंस इंफ्राटेल पर कुल 4339.58 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है, जबकि सफल समाधान आवेदक ने 3720 करोड़ रुपये की योजना पेश की है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: August 11, 2021 12:37 IST
Big Relief For Anil Ambani SC rejects challenge to approval of resolution plan of Reliance Infratel - India TV Paisa
Photo:TINAAMBANI@TWITTER

Big Relief For Anil Ambani SC rejects challenge to approval of resolution plan of Reliance Infratel

नई दिल्‍ली। अनिल अंबानी को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को रिलायंस इंफ्राटेल लि. (Reliance Infratel) की समाधान योजना को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) से मिली मंजूरी को चुनौती देने वाले परिचालन से जुडे कर्जदाताओं की याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (IBC) के तहत योजना को कर्जदाताओं की समिति ने आवश्यक बहुमत से मंजूरी दी है।

न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायाधीश एम आर शाह की पीठ ने कहा कि कर्जदाताओं की समति (CoC) से कुछ वित्तीय कर्जदाताओं को अलग करने से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि योजना को सीओसी की 100 प्रतिशत मत हिस्सेदारी से अनुमोदित किया गया है। पीठ ने कहा कि मौजूदा मामले में समाधान योजना को धारा 30 (4) के अनुरूप सीओसी के जरूरी बहुमत से विधिवत मंजूरी दी गई। एक बार जब सीओसी के 100 प्रतिशत वोट के जरिये योजना को मंजूरी दे दी जाती है, कुछ वित्तीय कर्जदाताओं को समिति से बाहर करने की आवश्यकता थी या नहीं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

पीठ ने कहा कि निर्णय लेने वाला प्राधिकरण (राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण) का अधिकार क्षेत्र धारा 31 (1) के प्रावधान से निर्धारित है। इसके तहत उसे यह निर्धारित करना है कि सीओसी ने जिस योजना को मंजूरी दी है, वह आईबीसी के प्रावधानों के अनुरूप है या नहीं। शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले में एक बार कानून की आवश्यकताओं को विधिवत पूरा कर लेने के बाद, निर्णय करने वाला प्राधिकरण और अपीलीय प्राधिकारण के निर्णय विधि के अनुरूप होते हैं। उक्त कारणों से, हमें अपील में कोई दम नहीं लगता। अत: इसे खारिज किया जाता है।

रिलायंस इंफ्राटेल को परिचालन संबंधी जरूतों के लिए कर्ज सुविधा देने वाले ऋणदाताओं ने एनसीएलटी के समाधान योजना को मंजूरी दिए जाने और बाद में राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) द्वारा उसे बरकरार रखने के फैसले को न्यायालय में चुनौती दी थी। उनका कहना था कि योजना के तहत उन्हें कम राशि मिली है, जबकि वे दूरसंचार टॉवर  और ऑप्टिकल फाइबर तथा अन्य संबद्ध ढांचागत सुविधाओं के परिचालन और रखरखाव को लेकर जरूरी सेवाएं दे रहे थे। संचालन से जुड़े कर्जदाताओं का दावा था कि कोष के वितरण में उनके साथ भेदभाव हुआ है।

रिलायंस इंफ्राटेल पर कुल 4339.58 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है, जबकि सफल समाधान आवेदक ने 3720 करोड़ रुपये की योजना पेश की है। 3 दिसंबर, 2020 को एनसीएलटी, मुंबई ने रिलायंस इंफ्राटेल की समाधान योजना को मंजूरी दी थी।

यह भी पढ़ें: मोदी सरकार ने अगर नहीं की सख्‍त कार्रवाई तो इस सरकारी कंपनी में भ्रष्‍टाचार होगा नियंत्रण से बाहर

यह भी पढ़ें: 2000 रुपये की 9वीं किस्‍त मिलने के अगले दिन आई लाखों किसानों के लिए बुरी खबर, खुद कृषि मंत्री ने संसद में कही ये बात

यह भी पढ़ें: अनिल अंबानी के आए अच्‍छे दिन

यह भी पढ़ें: LPG सिलेंडर ग्राहकों के लिए आई बड़ी खुशखबरी

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement