बेंगलुरु। कर्नाटक हाई कोर्ट से संकटग्रस्त शराब कारोबारी विजय माल्या को बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड पर बैंकों के बकाये की वसूली के लिए यूबी समूह की मूल कंपनी यूनाइटेड ब्रेवरीज (होल्डिंग) लिमिटेड (UBHL) को समेटने (वाइंडअप) का आदेश दिया है।
किंगफिशर एयरलाइंस यूबीएचएल द्वारा प्रवर्तित एयर लाइन है और वित्तीय संकट में फंसने के कारण अब इसका परिचालन बंद पड़ा है।
न्यायाधीश विनीत कोठारी ने बैंकों तथा विमान पट्टे पर देने वालों की याचिकाओं को स्वीकार करते हुए कहा,
यह अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि प्रतिवादी कंपनी यूबीएचएल वित्तीय संस्थानों को उनका बकाया लौटाने के अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में जिस तरह विफल रही है, उसे देखते हुए यह यूबीएचएल समेटने लायक है।
- हाई कोर्ट की धाड़वाड़ पीठ के न्यायाधीश कोठारी ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये आदेश सुनाया।
- कर्ज देन वालों में बीएनपी परिबा, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं।
- इसके अलावा विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियां, रॉल्स रॉयस जैसी इंजन बनाने वाली कंपनियां तथा आईएई ने 146 करोड़ रुपए की बकाये की वसूली के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
- न्यायाधीश ने कहा कि प्रतिवादी कंपनियों की परिसंपत्ति यूबीएचएल के जिम्मे नहीं छोड़ी जा सकती हैं।
- कानून के तहत वाइंडअप प्रक्रिया पूरी करने के लिए उसे परिसमापक को सौंपी जा सकती है।
- किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज देने वाले ऋणदाताओं ने यूबीएचएल के खिलाफ याचिका दायर कर किंगफिशर से बकाये की वसूली में मदद का आग्रह किया था।
- यूबीएचएल ने किंगफिशर को कर्ज देने के लिए कॉरपोरेट गारंटी दी थी।
- वास्तव में माल्या के शराब कारोबार के एक तरह से ध्वस्त होने में किंगफिशर कारण है।
- माल्या की यूनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग लिमिटेड में 52.34 प्रतिशत हिस्सेदारी है।