आप भी बिग बास्केट के ग्राहक हैं तो यह खबर आपको परेशान कर सकती है। बिगबास्केट के करीब 2 करोड़ ग्राहकों का डाटा डार्क वेब पर लीक हो गया है। बीते साल 7इनवंबर में कंपनी के डाटा लीक की खबर आई थी। कंपनी ने खुद इसे डेटा लीक की पुष्टि की थी। बता दें कि इस डाटा लीक में ग्राहकों के ई.मेल एड्रेस, फोन नंबर, पासवर्ड जैसी जानकारियां शामिल हैं। इस लीक में फिजिकल एड्रेस और डेट ऑफ बर्थ भी शामिल हैं। हैकर्स ने डार्क वेब पर बिगबास्केट यूजर्स का यह डाटा फ्री में उपलब्ध करा दिया है। एक अन्य हैकर ने दावा है कि उसके बाद यूजर्स के पासवर्ड भी एंक्रिप्टेड फॉर्म में हैं।
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कथित तौर पर बिग बास्केट डेटाबेस प्रकाशित करने वाले हैकर को शाइनीहंटर्स नाम से जाना जाता है। किसी प्रसिद्ध साइबर क्राइम फोरम पर सप्ताहांत में डाउनलोड करने के लिए डेटाबेस किसी को भी उपलब्ध कराया गया था। शाइनी हंटर्स एक ही हैकिंग ग्रुप है। जिसने ख़तरनाक सास प्रदाता साइबल के अनुसार 11 अलग.अलग कंपनियों के कुल 73.2 मिलियन उपयोगकर्ता रिकॉर्ड वाले डेटाबेस के साथ एक डार्क वेब हैकिंग मार्केटप्लेस को डाटा देना शुरू कर दिया है।
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दुर्भाग्य से, बिग बास्केट एकमात्र भारतीय स्टार्टअप नहीं था जिसने पिछले साल अपने सुरक्षा तंत्र में डेटा लीक या बग्स की सूचना दी थी। व्हाइटहैट जूनियर और डंज़ो भी स्टार्टअप्स में शामिल थे जिन्होंने अपने डेटा लीक की खबर दी थी।
बिग बास्केट डाटा लीक कब हुआ
साइबल के अनुसार, पहला ब्रीच 14 अक्टूबर को हुआ और 30 अक्टूबर को इसके बारे में पता चला। बाद में 1 नवंबर को बिग बास्केट को इसका खुलासा किया गया। साइबेल ने यह भी दावा किया कि डेटा को 40000 डाॅलर में डार्क वेब पर बेचा गया था। हैकर्स ग्रुप में फैमस डार्क वेब पर सभी यूजर्स का डाटा उपलब्ध है जिसमें कई तरह की निजी जानकारियां शामिल हैं। भारतीय साइबर सिक्योरिटी रिसर्चर राजशेखर राजहरिया ने इस डाटा लीक को लेकर ट्वीट किया है। इससे पहले पिछले साल नवंबर में भी बिगबास्केट का डाटा लीक हुआ था। डार्क वेब पर पिछले पूरे सप्ताह तक डाटा डाउनलोड करने की सुविधा थी। कई यूजर्स के पासवर्ड प्लेन टेक्स्ट में मौजूद थे जिनकी बिक्री डार्क वेब पर हो रही थी।