वाशिंगटन। अमेरिका की जो बाइडन सरकार ने चीन की कुछ और कंपनियों के शेयरों में अमेरिकी निवेशकों की पूंजी लगाए जाने पर रोक लगा दी है। चीन ने इस पर कड़ी आपत्ति जतायी है। बाइडन प्रशासन की समझ में ये कंपनियां चीन की सेना और खुफिया तंत्र से संबंध रखती हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय से ऐसी प्रतिबंधित कंपनियों की अद्यतन सूची जारी की गयी है। पहली सूची पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में दोनों देशों के बीच व्यापार और प्रौद्योगिक के क्षेत्र में टकराव के दौर में जारी की गयी थी।
बाइडन सरकार चीन के मामले में ट्रम्प प्रशासन के रुख को बनाए हुए है। उसका नया आदेश 2 अगस्त से प्रभावी होगा। संशोधित आदेश में राष्ट्रपति बाइडन ने कहा है कि यह आदेश ‘‘यह सुनिश्चित करने के लिए है कि अमेरिका की पूंजी से ऐसी किसी चीनी कंपनी को मदद न मिले जो अमेरिका और हमारे मित्र देशों की सुरक्षा तथा मूल्यों की अनदेखी करती हों।’’ अमेरिकी निवेशकों ने चीन की कुल 59 कंपनियों के शेयरों में पूंजी डाल रखी है। उन्हें शेयर बेचने के लिए एक साल का मौका दिया गया है। इनमें से ज्यादातर कंपनियां अमेरिकी रक्षा विभाग की प्रतिबंधित सूची में है।
पहली सूची में 31 कंपनियां थीं। बीजिंग में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने अमेरिका से यह आदेश वापस लेने का आग्रह किया ताकि चीन की कंपनियां भेदभाव मुक्त वातावरण में निवेश व व्यापार कर सकें। प्रवक्ता ने कहा कि चीन अपने न्यायोचित अधिकारों की रक्षा के लिए दृढ़ता के साथ आवश्यक उपाय करेगा। प्रवक्ता इन उपायों का ब्योरा नहीं दिया।
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