नई दिल्ली। भारती इंफ्राटेल-इंडस टावर्स के विलय में अभी और देरी होगी, क्योंकि भारती इंफ्राटेल ने विलय पूरा होने की समय-सीमा 31 अगस्त तक बढ़ा दी है। यह पांचवीं बार है, जब दूरसंचार क्षेत्र की कंपनी भारती इंफ्राटेल ने इंडस टावर्स के साथ विलय की समय-सीमा को बढ़ाया है।
बोर्ड की बैठक के बाद बुधवार को शेयर बाजार को भेजी गई सूचना में कंपनी ने कहा कि यह निर्णय इसलिए लिया गया है, क्योंकि विलय की शर्तों को पूरा किया जाना अभी बाकी है।
कंपनी ने कहा, "चूंकि विलय के लिए विभिन्न शर्तों को विस्तारित तारीख 24 जून, 2020 तक पूरा किया जाना संभव नहीं था, इसलिए निदेशक मंडल ने समझौते के तहत अब इसे पूरा करने की तारीख 31 अगस्त, 2020 तक बढ़ा दिया है। इसके तहत करार को पूरा करने संबंधी समयोजन और अन्य शर्तों को पूरा किया जाना है। प्रत्येक पक्ष के पास करार को रद्द करने और इससे बाहर निकलने का अधिकार है।" टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी ने कहा कि योजना को लागू करने का अंतिम निर्णय कंपनी और उसके हितधारकों के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा।
इस डील पर अप्रैल 2018 में हस्ताक्षर हुए थे और अक्टूबर 2019 में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। हालांकि पहले इसे दिसंबर 2019 और फिर इसे फरवरी 2020 तक बढ़ा दिया गया। इसके बाद फिर से समय सीमा 24 अप्रैल और फिर 24 जून तक बढ़ा दी गई। अब नई समयसीमा 31 अगस्त रखी गई है।
इंडस टावर में भारती इंफ्राटेल की 42 फीसदी हिस्सेदारी है, वहीं वोडाफोन ग्रुप की भी 42 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके अलावा वोडाफोन आइडिया और अमेरिका की एसेट मैनेजमेंट फर्म प्रोविडेंस इक्विटी पार्टनर्स की भी हिस्सेदारी है। मर्जर के बाद भारती इंफ्राटेल और इंडस टावर की कुल मिलाकर देश के एक तिहाई बाजार पर नियंत्रण होगा। जिसमें कुल 1.69 लाख टावर होंगे जो कि देश के सभी 22 टेलिकॉम सर्विस एरिया में फैले हैं।