नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2014-15 में सुनील भारती मित्तल के नेतृत्व वाले भारती ग्रुप के सत्या इलेक्टोरल ट्रस्ट और आदित्य बिड़ला ग्रुप के जनरल इलेक्टोरल ट्रस्ट भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों पार्टियों को सबसे ज्यादा राजनीतिक चंदा देने वाले कॉरपोरेट दानदाता के रूप में उभरकर सामने आए हैं। यह वही साल है, जब लोकसभा चुनाव हुए और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी।
भारती ग्रुप ने भारतीय जनता पार्टी को सबसे ज्यादा चंदा देने वाली कंपनी है। इसने भाजपा को कुल 107.25 करोड़ रुपए का चंदा दिया है, जबकि कांग्रेस को इसने 18.75 करोड़ रुपए चंदे के रूप में दिए हैं। इस साल भाजपा ने कॉरपोरेट और इंडीविजुअल्स से कुल 437.35 करोड़ रुपए का चंदा जुटाया है, जिसमें भारती ग्रुप की हिस्सेदारी 25 फीसदी है। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (न्यू) की ताजा रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है।
भाजपा को सबसे ज्यादा चंदा देने में दूसरे नंबर पर जनरल इलेक्टोरल ट्रस्ट है। इसने कुल 63.2 करोड़ रुपए का चंदा पार्टी को दिया है। कांग्रेस को चंदा देने के मामले में भी यह सबसे बड़ा कॉरपोरट ग्रुप के रूप में उभरा है। 2014-15 के दौरान कांग्रेस को इसने कुल 54.1 करोड़ रुपए का चंदा दिया है। इस ट्रस्ट ने 2013-14 में किसी भी राष्ट्रीय दल को कोई चंदा नहीं दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक राजनीतिक दलों को सबसे ज्यादा चंदा महाराष्ट्र (260.01 करोड़) से मिला है। इसके बाद गुजरात (24.76 करोड़) और दिल्ली (15.34 करोड़) का स्थान है। 2013-14 की तुलना में 2014-15 में सभी राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में 151 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि राजनीतिक दलों ने जानकारी को अधूरा घोषित किया है। भाजपा ने बताया है कि उसने 20 दानदाताओं से 83.915 लाख रुपए चंदा हासिल किया है, जिनके पैन नंबर, पता और दान देने के रास्ते का खुलासा नहीं किया है। वहीं कांग्रेस ने 192 दानदाताओं से प्राप्त 138.98 करोड़ रुपए के चंदे के चेक/डीडी नंबर का खुलासा नहीं किया है। भूटान, नेपाल, जर्मनी, फ्रांस, इटली, ब्राजील, बुलगारिया, यूएस और जापान में राजनीतिक चंदे की विस्तृत जानकारी देना अनिवार्य है।