भारत का एक और स्टार्टअप अब यूनीकॉर्न क्लब में शामिल हो गया है। मर्चेंट पेमेंट से जुड़ी कंपनी भारतपे (BharatPe) को न्यूयॉर्क की दिग्गज इंवेस्टमेंट कंपनी टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट के नेतृत्व में सीरीज ई फंडिंग राउंड के तहत 37 करोड़ अमेरिकी डॉलर (करीब 2,745 करोड़ रुपये) मिले हैं। इससे कंपनी का वैल्यूएशन छह महीनों में तीन गुना से अधिक बढ़कर 2.85 बिलियन डॉलर हो गया है।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि ई सीरीज में दो करोड़ डॉलर का द्वितीयक घटक शामिल है। बयान में कहा गया कि द्वितीयक घटक में कर्मचारी स्टॉक विकल्प योजना (ईएसओपी) रखने वाले कर्मचारियों को पूरी नकदी दी गई है। भारतपे ने बताया कि वित्त पोषण के इस दौर में टाइगर ग्लोबल के साथ ही ड्रैगनियर इन्वेस्टमेंट ग्रुप और स्टीडफास्ट कैपिटल ने भी भागीदारी की।
कंपनी के सात मौजूदा संस्थागत निवेशकों में से पांच ने इस दौर में भाग लिया। भारतपे के सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर को कंपनी का प्रबंध निदेशक और सुहैल समीर को सीईओ नियुक्त किया गया। ग्रोवर ने कहा कि भारतपे ऋण कारोबार पर मुख्य ध्यान बनाए रखेगा और इस खंड में छोटे कारोबारी हमारे मुख्य ग्राहक होंगे।
कंपनी ने इस साल फरवरी में 90 करोड़ डॉलर के वैल्यूएशन पर 108 मिलियन डॉलर जुटाए थे। मौजूदा फंडरेज में नए इंवेस्टर टाइगर ग्लोबल ने स्टार्टअप में 100 मिलियन डॉलर की इंवेस्टमेंट की और इसके एक हिस्से के रूप में ड्रैगनर और स्टीडफास्ट ने हर एक में 25 मिलियन डॉलर की इंवेस्टमेंट की। मौजूदा इंवेस्टर सिकोइया कैपिटल, इनसाइट पार्टनर्स, कोट्यू मैनेजमेंट, एम्प्लो और रिबिट कैपिटल ने कंपनी में संयुक्त रूप से अपनी मौजूदा सीरीज ई फंडरेज के एक हिस्से के रूप में 200 मिलियन डॉलर की इंवेस्टमेंट की है।
अशनीर ग्रोवर ने कहा, “हमारी प्रारंभिक योजना $ 250 मिलियन जुटाने की थी। हालांकि, राउंड को ओवरसब्सक्राइब किया गया था। हमारा मानना है कि 350 मिलियन डॉलर की प्राइमरी ग्रोथ हमें अगले तीन सालों के लिए पर्याप्त रनवे देगी। इसके बाद हम सार्वजनिक बाजारों में लिस्टेड होने पर विचार कर सकते हैं। हमारे पास अभी भी हमारी सीरीज़ सी और डी राउंड से बैंक में नकदी है और ओवरऑल लिक्विडिटी रनवे 500 मिलियन डॉलर का है, जो हमें भविष्य के विकास के लिए अच्छी स्थिति में रखेगा।”