नई दिल्ली। देशभर में 15 करोड़ कर्मचारी अलग-अलग मजदूर संगठनों के बैनर तले शुक्रवार को देशव्यापी हड़ताल पर हैं। हड़ताल से बैंकिंग और परिवहन जैसी आवश्यक सेवाएं प्रभावित हुई हैं। गौरतलब है कि श्रमिक संगठनों ने सरकार द्वारा श्रम कानूनों में श्रमिक विरोधी बदलावों और बेहतर मजदूरी की मांग पर ध्यान नहीं देने के चलते इस हड़ताल की है। केंद्रीय संगठनों ने दावा किया है कि इस साल हड़ताल में करीब 15 करोड़ श्रमिक शामिल होंगे।
इन सेवाओं पर असर
बैकिंग, टेलीकॉम और कई अन्य क्षेत्रों के कर्मचारी शुक्रवार को हड़ताल पर रहेंगे. यह कर्मचारी बेहतर वेतन के साथ सरकार की नई श्रमिक और निवेश नीतियों के विरोध में यह कदम उठा रहे हैं. बैंक, सरकारी ऑफिस और फैक्टरियां बंद रहेंगी. कुछ राज्यों में स्थानीय संगठनों ने भी हड़ताल में भागीदारी का फैसला किया है. इसके कारण सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है. इनके साथ-साथ रेडियोलॉजिस्टों और सरकारी अस्पतालों की नर्सों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है.
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बैंकों के कामकाज पर पड़ेगा असर
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के छह कर्मचारी संगठनों ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की शुक्रवार की हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है. सरकार की ‘श्रम विरोधी नीतियों’ के विरोध में ट्रेड यूनियनों ने हड़ताल का आह्वान किया है. कई बैंकों ने पहले ही अपने ग्राहकों को होने वाली असुविधा के बारे में सूचना दे दी है.
ऑल इंडिया बैंक इंप्लायज एसोसिएशन (एआईबीईए), बैंक इंप्लायज फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई), ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए), ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स कान्फेडरेशन (एआईबीओसी) तथा इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी) जैसे संगठनों ने नोटिस दिये हैं. भारतीय स्टेट बैंक समेत अधिकतर बैंकों का मानना है कि अगर हड़ताल होती है तो उनकी सेवा प्रभावित हो सकती है.
डियोलॉजिस्टों और नर्सों की अनिश्चितकालीन हड़ताल
अपने लंबित मुद्दों पर गुरुवार को केंद्र के साथ कोई हल नहीं होने पर देश भर में रेडियोलॉजिस्ट भी हड़ताल पर जायेंगे. इस हड़ताल से अल्ट्रासोनोग्राफी और अन्य स्कैन प्रक्रियाएं जैसी रेडियोलॉजी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित होंगी.
आल इंडिया गवर्नमेंट नर्सेज फेडरेशन के प्रवक्ता लीलाधर रामचंदानी ने कहा, ”हम सरकार के जवाब से खुश नहीं हैं, इसलिए हम शुक्रवार से अपनी प्रस्तावित हड़ताल पर आगे बढ़ने जा रहे हैं. लेकिन हम आपात स्थिति वाले नाजुक मामलों को देखेंगे.” दिल्ली में केंद्र, दिल्ली सरकार और नगर निकायों द्वारा संचालित सरकारी अस्पतालों में करीब 20,000 नर्सें कार्यरत हैं.
हड़ताल को मिल रहा है अच्छा समर्थन
सीटू के महासचिव तपन कुमार सेन से कहा, हड़ताल शुरू हो गई है। हमें अच्छी प्रतिक्रिया मिलती है। इस बारे में अधिक जानकारी थोड़ी देर में आने लगेगी। भेल के तिरचिरापल्ली संयंत्र में सुबह की पाली में करीब 90 प्रतिशत श्रमिक काम पर नहीं आए। मजदूर नेता ने कहा, विशाखापत्तनम का इस्पात संयंत्र 100 प्रतिशत बंद है। कुछ स्थानों पर रेल रोको अभियान भी चलाया गया है। यह एक सफल हड़ताल होगी क्योंकि 15 करोड़ श्रमिक सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने उतरेंगे।
क्यों है कर्मचारी हड़ताल पर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के समर्थन वाले भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर अन्य सभी बड़े श्रमिक संगठन इस हड़ताल में शामिल हुए हैं। संगठनों ने सरकार द्वारा उनकी मांगों पर विचार करने के आश्वासन और हाल में दो साल के बोनस की घोषणा एवं मेहनताने में बढ़ोत्तरी को पूरी तरह अपर्याप्त बताया।