नागपुर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि बड़ी कंपनियों के बजाये छोटे एवं मझोले उद्यम लोगों को वित्तीय रूप से स्वतंत्र बना सकते हैं।
सर संघचालक भागवत ने लघु उद्योग भारती के अखिल भारतीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बड़ी कंपनियां उद्यमिता के साथ न्याय नहीं कर सकती हैं। उद्यमिता खुद को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करती है।
लघु उद्योग भारती संघ से जुड़ा संगठन है, जो लघु एवं मझोले उद्यम (एसएमई) क्षेत्र में काम करता है। भागवत ने कहा कि वित्तीय आजादी पाने की पहली शर्त है कि सभी लोगों को आत्मनिर्भर बनना चाहिए। जो लोग आत्मनिर्भर नहीं हैं उन्हें वित्तीय स्वतंत्रता नहीं मिल सकती है।
संघ प्रमुख ने कहा कि वह उद्यमिता ही है जो ज्यादा से ज्यादा लोगों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बना सकती है। बड़ी कंपनियां इस तरह की उद्यमिता के साथ न्याय नहीं कर सकती हैं लेकिन छोटे एवं मझोले उद्योग वित्तीय तौर पर आत्मनिर्भर बनाने की प्रक्रिया को गति दे सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जितने ज्यादा छोटे एवं मझोले उद्योग बढ़ेंगे उतने ही ज्यादा लोग वित्तीय तौर पर स्वतंत्र होंगे। भागवत ने कहा कि दुनिया भर में संपत्ति कुछ बड़ी कंपनियों के बीच बंटी हुई है और 24-25 लोगों का इन कंपनियों पर नियंत्रण है।