मुंबई। देश भर में मानसून के फैलाव के साथ घरेलू साख निर्धारक एजेंसी ICRA ने कहा है कि बेहतर बरसात के कारण ग्रामीण क्षेत्र की मांग की स्थिति में सुधार होगा और इससे राज्यों और केन्द्र का वित्तीय स्वास्थ्य भी बेहतर होगा बशर्ते मनरेगा योजना के तहत काम कम हो। इसने कहा है कि खरीफ फसल अथवा गर्मी की फसल के अधिक रकबे के कारण मुद्रास्फीति को भी कम करने में मदद मिलेगी।
ICRA (इक्रा) की वरिष्ठ अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि कृषि क्षेत्र की आय में अपेक्षित वृद्धि के कारण चालू वित्तवर्ष के उत्तराद्र्ध में ग्रामीण मांग की स्थिति फिर से पुनर्जीवित हो सकती है, केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के लिए संशोधित वेतन और पेंशन से संबंधित खपत में भी वृद्धि हो सकती है। देर होने के बावजूद गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों को छोड़कर मानसून ने लगभग पूरे देश को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। जून में हुई कुल बरसात में 11 प्रतिशत की कमी थी लेकिन इक्रा ने कहा कि स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है।
मंत्रिमंडल में फेरबदल से उद्योग जगत उत्साहित: एसोचैम
उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रिमंडल में फेरबदल कर अपने सहयोगियों के कामकाज को महत्व देने को लेकर एक मजबूत संदेश दिया है जिसका मकसद राजकाज की गुणवत्ता में सुधार है। एसोचैम ने कहा कि ऐसे समय जब देश वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रहा है, आतंकवाद और ब्रिटेन एवं यूरोपीय संघ में राजनीतिक उथल-पुथल से भू-राजनीतिक जोखिम है, उद्योग जगत प्रधानमंत्री की मजबूत नेतृत्व क्षमता से उत्साहित है।
एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने कहा, राजग सरकार अपने कार्यकाल के आधे समय के करीब पहुंच चुकी है, ऐसे में हाल में कपड़ा पैकेज, एफडीआई नियमों को उदार बनाने समेत मंत्रिमंडल में फेरबदल कर प्रधानमंत्री ने उन लोगों को जवाब दिया है जो यह मान रहे थे नरेंद्र मोदी सरकार सुधारों की गति को आगे नहीं बढ़ा पाएगी। उन्होंने कहा कि अगर जीएसटी विधेयक आगामी मानसून सत्र में पारित हो जाता है, तो इससे व्यापार धारणा काफी मजबूत होगी। एसोचैम ने कहा कि उसे आने वाले दिनों में कई नये उपायों तथा निर्णयों की अपेक्षा है जिसमें नये रिजर्व बैंक के गवर्नर की नियुक्ति की घोषणा शामिल है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा।