नई दिल्ली। त्योहारी सीजन से पहले डायमंड की कीमतें कई साल के निचले स्तर पर आई गई हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में डायमंड की डिमांड बढ़ सकती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक त्योहारी सीजन के दौरान डायमंड की डिमांड 10-15 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है। ग्लोबल मार्केट में पिछले एक साल के दौरान पॉलिशड डायमंड में 12 फीसदी और टॉप-क्वालिटी पॉलिशड डायमंड की कीमतों में 13 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं डायमंड अपने साल 2011 के उच्चतम स्तर से 35 फीसदी सस्ता हो चुका है। एक्सपर्ट्स मानते है कि चीन में स्लोडाउन और सप्लाई ज्यादा होने की वजह से डायमंड की कीमतों में गिरावट आई है।
10-15 फीसदी बढ़ सकती है डायमंड की डिमांड
मद्रास ज्वैलर्स एंड डायमंड मर्चेंट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट जयंतीलाल जे चेल्लानी ने इंडियाटीवी पैसा से खास बातचीत में बताया कि कीमतें गिरने और ज्वैलरी ट्रेड में बदलाव के कारण हीरे की डिमांड 10 से 15 फीसदी बढ़ सकती है। फिलहाल ज्वैलरी बाजार में हीरे की हिस्सेदारी करीब 15 फीसदी है, जो कि आने वाले कुछ वर्षों में बढ़कर 20 फीसदी तक पहुंच सकती है। चेल्लानी के मुताबिक इस समय हीरा खरीदने का सही मौका है। उन्होने कहा कि यूथ डायमंड ज्वैलरी को ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
निवेश के लिए बेहतर विकल्प
आल इंडिया जेम्स एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन के डायरेक्टर बछराज बमावला ने कहा कि लंबी अवधि के नजरिए से हीरे में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं। हालांकि भारत में हीरे को निवेश नहीं ज्वैलरी के लिए ज्यादा खरीदा जाता है। इंडिपेंडेंट लैबोरेट्रीज हीरे की डिमांड बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकती हैं।
चीन के स्लोडाउन से घटी कीमतें
चीन की अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ती जा रही है। इसके कारण आई-फोन से लेकर गुच्ची सभी की बिक्री घटी है। दरअसल चीन सभी के लिए बड़ा बाजार है। यही कारण है बाकी चीजों की बिक्री घटने के साथ हीरे की डिमांड भी घटी है। चीन दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हीरा बाजार है। इसके ग्लोबल बाजार में 16 फीसदी हिस्सेदारी है। वहीं 42 फीसदी हिस्सेदारी के साथ अमेरिका पहले पायदान पर है। लेकिन खनन कंपनी डी बीयर्स की रिपोर्ट के मुताबिक 2009 से 2014 के दौरान चीन में पॉलिशड हीरे डिमांड 18 फीसदी की दर से बढ़ी है। जबकि अन्य देशों में यह आंकड़ा 3.7 फीसदी था।