नई दिल्ली: देश में बीते वित्त वर्ष 2020-21 में कार्यालय स्थलों की कुल मांग में दक्षिण भारत के तीन शहरों बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई का दबदबा रहा। एनारॉक की एक रिपोर्ट के अनुसार, कार्यालय स्थलों की कुल मांग में इन तीन शहरों का हिस्सा 66 प्रतिशत रहा। परामर्शक कंपनी ने कहा कि दक्षिण भारत के कार्यालय बाजार ने नई आपूर्ति, मांग और यहां तक कि किराया वृद्धि के मामले में अन्य क्षेत्रों को पीछे छोड़ दिया।
शीर्ष सात शहरों में बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई की कार्यालय स्थल को किराये या पट्टे पर लेने के मामले में हिस्सेदारी बढ़कर 66 प्रतिशत हो गई। यह आंकड़ा 2017-18 में 47 प्रतिशत था। शीर्ष शहरों में कार्यालय स्थलों की कुल मांग 2.13 करोड़ वर्ग फुट रही। इसमें दक्षिण के इन तीन शहरों का हिस्सा 1.40 करोड़ वर्ग फुट रहा।
मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) और पुणे का हिस्सा 45.6 लाख वर्ग फुट या 21 प्रतिशत रहा। एनसीआर की हिस्सेदारी 23 लाख वर्ग फुट या 11 प्रतिशत रही। वित्त वर्ष 2017-18 में इन शीर्ष सात शहरों में 3.11 करोड़ वर्ग फुट क्षेत्र पट्टे पर दिया गया था।
एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ‘‘इन तीन दक्षिणी शहरों में पश्चिम और उत्तर के शहरों की तुलना में शानदार वृद्धि आईटी और आईटी संबद्ध क्षेत्रों की वजह से दर्ज हुई है। इसके अलावा विनिर्माण और औद्योगिक क्षेत्र भी इन शहरों की मांग बढ़ाने में भूमिका निभा रहे हैं।