कोलकाता। केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने सोमवार को कहा कि किसी बंदरगाह का निर्माण रेलवे जैसी विशाल संबद्ध अवसंरचना की जरूरत के चलते केंद्र के समर्थन के बिना संभव नहीं है और उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार से ताजपुर गहरे समुद्र बंदरगाह परियोजना को संयुक्त रूप से विकसित करने की पेशकश की।
राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इससे पहले कहा था कि राज्य सरकार पीपीपी मॉडल के तहत पुर्वी मेदिनीपुर जिले में 15,000 करोड़ रुपये की लागत से ग्रीनफील्ड बंदरगाह परियोजना को अपने दम पर बनाएगी। बनर्जी ने साथ ही दावा किया कि केंद्र इसमें ‘‘अत्यधिक देरी’’ कर रहा है, हालांकि इस आरोप का केंद्र सरकार की ओर से परियोजना साझेदार ने खंडन किया। बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज्य सरकार चाहें तो बंदरगाह का निर्माण कर सकती है।
हालांकि, केंद्र के सहयोग के बिना ऐसा करना संभव नहीं है। रेलवे सहित कई अन्य संबंधित चीजें हैं। मुख्यमंत्री को केंद्र के साथ साझेदारी में बंदरगाह बनाने की जरूरत को समझना चाहिए।’’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि केंद्र ने संयुक्त रूप से बंदरगाह बनाने का प्रस्ताव राज्य को दिया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। ठाकुर ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री और राज्य सरकार को फैसला लेना है। अगर राज्य सरकार सभी शर्तों के तहत जमीन देने को राजी होती है, तो हम ताजपुर में बंदरगाह बनाने के लिए तैयार हैं। लेकिन राज्य को पहले यह कहना होगा।’’
पश्चिम बंगाल समुद्रीय बोर्ड ने पिछले साल दिसंबर में बंदरगाह के लिए फर्मों से अभिरुचि पत्र मांगे थे। हालांकि कोविड महामारी के चलते प्रक्रिया में देरी हुई।