बीजिंग। चीन के एक सरकारी अखबार ने भारत में परिचालन कर रही चीन की कंपनियों को वहां चीन के खिलाफ बढ़ती भावना को लेकर सतर्क किया है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच चीन की कंपनियों को वहां चीन विरोधी भावना से निपटने को कदम उठाने चाहिए। अखबार में 2104 में वियतनाम में चीन विरोधी भावना का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि भारत में भी चीन के हितों पर हमला हो सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि सीमा पर छोटे स्तर का भी सैन्य तनाव होता है तो भारत में चीन के लोगों और कंपनियों पर हिंसक हमला हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में परिचालन कर रही चीन की कंपनियों को सतर्क रहने की जरूरत है और उन्हें चीन विरोधी भावना से बचाव के लिए ऐहतियाती कदम उठाने की जरूरत है।
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काफी दिनों से सिक्किम सेक्टर में सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। इस मामले में चीन का कहना है कि जब तक भारतीय सेना पीछे नहीं हटेगी, तब तक बातचीत का कोई सवाल नहीं उठता है। जहां एक ओर चीनी मीडिया की तरफ से युद्ध के विकल्प की बात की गई है, वहीं दूसरी ओर भारत में चीन के राजदूत लू झाओहुई ने कहा है कि यह भारत पर निर्भर करेगा कि सैन्य विकल्प का इस्तेमाल होगा या फिर नहीं। चीन ने इस गंभीर स्थिति से निपटने का जिम्मा नई दिल्ली को सौंप दिया है।
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चीन के राजदूत लू झाओहुई के अनुसार, गेंद भारत के पाले में है और इस स्थिति से निपटने के लिए भारत को ही कोई कदम उठाना होगा। आपको बता दें कि चीन का सरकारी मीडिया ने कहा था कि अगर इस विवाद से सही तरीके से नहीं निपटा जाएगा, तो इससे युद्ध भी छिड़ सकता है।