नई दिल्ली। संकटग्रस्त शराब कारोबारी विजय माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस के बंद होने की वजह सरकार की नीतियों और आर्थिक हालात को बताया है। उन्होंने सरकार पर ही सवाल उठाते हुए कहा है कि सरकारी एयरलाइन एअर इंडिया को संकट से उबारने के लिए जनता के पैसों का इस्तेमाल किया गया लेकिन देश की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन को बचाने के लिए ऐसा क्यों नहीं किया गया।
माल्या ने अपने बचाव में शनिवार को कई ट्वीट किए। उन्होंने कहा कि वह लोन नहीं चाहते थे बल्कि वह चाहते थे कि सरकार अपनी नीतियों में बदलाव कर उनकी मदद करे।
उन्होंने एअर इंडिया को दिए गए पब्लिक फंड पर सवाल उठाते हुए कहा,
किंगफिशर एयरलाइंस जब डूबी उस समय तेल की कीमतें 140 डॉलर प्रति बैरल थीं और डॉलर के मुकाबले रुपया गिरा हुआ था। अर्थव्यवस्था की हालत खराब थी।
KFA collapsed with oil at $ 140/barrel and State sales tax on top Rupee devaluation No FDI Engine failures. Economic depression Need more ?
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) January 27, 2017
- एक और ट्वीट में माल्या ने लिखा कि इससे सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइंस किंगफिशर सबसे बुरी तरह प्रभावित हुई।
- उन्होंने कहा कि सरकार ने एयर इंडिया के लिए बेल आउट पैकेज दिया लेकिन किंगफिशर के लिए नहीं।
- माल्या ने कहा कि वह नीति में बदलाव चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिससे उनकी एयरलाइंस पर बहुत बुरा असर पड़ा।
- उन्होंने ट्वीट किया कि उन्होंने मदद मांगी थी लोन नहीं।
- माल्या ने दावा किया कि किंगफिशर एयरलाइंस भारत की सबसे बड़ी और सबसे अच्छी एयरलाइ थी, जो दुर्भाग्य से आर्थिक और नीतिगत वजहों से नाकाम हो गई।
- उन्होंने केएफए के सभी कर्मचारियों और स्टेकहोल्डर्स से माफी भी मांगी और कहा कि काश सरकार ने मदद की होती।
- किंगफिशर को लोन के रूप में मिले पब्लिक फंड के फंसने के आरोपों पर माल्या ने कहा कि एअर इंडिया को जो पब्लिक फंड दिया गया, उसका क्या?