नयी दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अध्यक्ष रजनीश कुमार ने शनिवार को कहा कि किसी दूरसंचार कंपनी के दिवालिया होने की स्थिति में बैंकों को उसकी 'कीमत चुकानी पड़ेगी।' इससे पहले शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय ने यह स्पष्ट किया था कि दूरसंचार कंपनियों को 1.47 लाख करोड़ रुपये के सांविधिक बकाये का भुगतान करना होगा।
देश के सबसे बड़े कर्जदाता एसबीआई के प्रमुख ने कहा कि बैंक आगे के घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है। जब कुमार से यह पूछा गया कि यदि कोई दूरसंचार कंपनी दिवालियापन की ओर बढ़ती है तो इसका बैंकों पर क्या असर होगा, उन्होंने कहा, 'अगर किसी भी उद्यम पर नकारात्मक असर होता है तो इसका असर एक व्यापक व्यवस्था पर होगा। चाहें वे बैंक हों, चाहें कर्मचारी हों, चाहें वे वैंडर हों या ग्राहक, हर कोई प्रभावित होगा।'
रजनीश कुमार यहां स्थानीय मुख्य कार्यालय (एलएचओ) में ई-कचरे से तैयार कलाकृतियों का अनावरण करने के अवसर पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। 'मनस्वी' और ‘तपस्वी’ नाम की इन कलाकृतियों को 400 कम्प्यूटरों, 2000 से अधिक माइक्रो चिपों, 400 से अधिक कीबोर्डों और 200 से अधिक बेकार हो चुके क्रेडिट कार्डों से बनाया गया है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि इस समय एयरसेल और आरकॉम के खातों को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। दोनों कंपनियों ने दिवालिया घोषित होने के लिए आवेदन किया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बैंक जमाओं की बीमाराशि में बढ़ोतरी के चलते प्रीमियम का भार ग्राहकों पर नहीं डाला जाएगा।