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बढ़ते NPA की वजह से अगले साल भी बैंकों की रेटिंग पर रहेगा दबाव, फिच ने दी चेतावनी

फिच ने गुरुवार को चेतावनी देते हुए कहा है कि बढ़ते NPA (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) की वजह से अगले साल चीन और भारत के बैंकों पर भारी दबाव बना रहेगा

Abhishek Shrivastava
Updated : December 08, 2016 20:04 IST
बढ़ते NPA की वजह से अगले साल भी बैंकों की रेटिंग पर रहेगा दबाव, फिच ने दी चेतावनी
बढ़ते NPA की वजह से अगले साल भी बैंकों की रेटिंग पर रहेगा दबाव, फिच ने दी चेतावनी

मुंबई। वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने गुरुवार को चेतावनी देते हुए कहा है कि बढ़ते NPA (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) की वजह  से अगले साल चीन और भारत के बैंकों पर भारी दबाव बना रहेगा, हालांकि किसी भी गंभीर जोखिम से निपटने के लिए इनके पास पर्याप्त पूंजी व आय मौजूद है।

  • फिच ने एक रिपोर्ट में कहा है कि क्षेत्र के तीन चौथाई बैंकों के लिए हमारा 2017 का परिदृश्य नकारात्मक है।
  • हालांकि किसी भी गंभीर चुनौती से निपटने के लिए आय व पूंजी पर्याप्त है।
  • हमारा मानना है कि चीन व भारत में रेटिंग पर दबाव बना रहेगा।

एशिया प्रशांत क्षेत्र के बैंकों के लिए अपने अनुमान (2017 आउटलुक) में फिच ने कहा है,

एशिया प्रशांत क्षेत्र के ज्यादातर बैंकों के सामने 2017 में आस्तियों में गिरावट का खतरा है क्योंकि चुनौतीपूर्ण आर्थिक माहौल से कर्ज लेने वालों पर दबाव रहेगा। इसके अनुसार हमारा मानना है कि उदीयमान बाजारों में आर्थिक वृद्धि दर 2017 में और नरम होकर 6.4 प्रतिशत रहेगी।

  • दूसरी ओर कमोडिटी की गिरती कीमतों की वजह से रिर्सोसेज सेक्‍टर के लिए वित्‍तीय समस्‍या बनी रहेगी, जो कि बैंकों के लिए गंभीर होगी।
  • डोनाल्‍ड ट्रंप का अमेरिका राष्‍ट्रपति चुनाव जीतना भी एक समस्‍या की बात है क्‍योंकि वह पहले ही ब्‍याज दरों में बढ़ोतरी और डॉलर को मजबूत बनाने की बात कह चुके हैं।
  • मजबूत डॉलर की वजह से एपीएसी एक्‍सपोर्टर्स को नुकसान होगा और इससे डॉलर में कर्ज लेने वालों के लिए समस्‍या बढ़ेगी।

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