नई दिल्ली। सरकार के छोटी बचत जमा दर में 1.3 फीसदी की कटौती से बैंक संतुष्ट हैं। बैंकों का कहना है कि वे जमा और कर्ज पर ब्याज दर घटाने से पहले अगले महीने की शुरुआत में रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की घोषणा का इंतजार करेंगे। सरकार ने शनिवार को कई छोटी बचत योजनाओं की जमा दर में कटौती की और बैंकों को संकेत दिया कि वे अपनी ब्याज दरें कम करें।
ब्याज दरों में कटौती कर सकते हैं बैंक
बैंक ऑफ महाराष्ट्र के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सुशील मुन्होत ने कहा, सरकार द्वारा छोटी बचत योजनाओं के संबंध में किए गए बदलाव के बाद बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना है, लेकिन ज्यादा बैंक इस संबंध में आरबीआई की मौद्रिक नीति के बाद फैसला करेंगे। आरबीआई 5 अपै्रल को 2016-17 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करने वाला है। एक अन्य सार्वजनिक क्षेत्र बैंक के प्रमुख ने ऐसा ही विचार व्यक्त किया और कहा कि सरकार ने आखिरकार हमारी लंबे समय से लंबित मांग पर अमल किया और छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर में कटौती से बैंकों से धन का प्रवाह डाक घर में होने से रोकने में मदद मिलेगी और मौद्रिक नीति का फायदा उपभोक्ताओं को देने में मदद मिलेगी। बैंकों ने कहा कि छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर कम करने से आरबीआई को अपनी नीतिगत दर घटाने के लिए जगह तैयार करने में मदद मिलेगी।
छोटी बचत पर सरकार ने घटाई ब्याज दरें
सरकार ने पीपीएफ, किसान विकास पत्र और वरिष्ठ नागरिक जमा समेत सभी छोटी बचत योजनाओं पर पर ब्याज कम कर इसे बाजार के अनुकूल बनाया है। डाक घर में एक साल की जमा पर ब्याज दर 1.3 प्रतिशत घटाकर 7.1 प्रतिशत की गई है जो फिलहाल 8.4 प्रतिशत है जबकि एसबीआई मियादी जमा पर एक साल से 455 दिनों के लिए 7.25 प्रतिशत ब्याज देता है। लोक भविष्य निधि :पीपीएफ: पर ब्याज दर अप्रैल से 30 जून की अवधि के लिए घटाकर 8.1 प्रतिशत कर दिया गयी है जो फिलहाल 8.7 प्रतिशत है। इसी तरह किसान विकास पत्र पर ब्याज दर घटाकर 7.8 प्रतिशत कर दी गई है जो फिलहाल 8.7 प्रतिशत थी। वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर पांच साल के लिए ब्याज दर 8.6 प्रतिशत होगी जो फिलहाल 9.3 प्रतिशत है।